स्वाधीनता दिवस की 73वीं वर्षगांठ राजधानी जयपुर का कोना-कोना खुशियों से लबरेज है। लेकिन, क्या आप जानते हैं, राजधानी जयपुर में एक जगह ऐसी भी है, जहां राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने रहकर ध्वजारोहण करते हैं। यह जगह है बड़ी चौपड़, जहां भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने झंडारोहण करते हैं, यह परंपरा करीब 70 से साल से चली आ रही है।
गोकुलभाई भट्ट से हुई शुरूआतचाहे राजस्थान में मोहनलाल सुखाडिय़ा का सियासी युग हो या फिर भैरोंसिंह शेखावत का। गणतंत्र दिवस और स्वाधीनता दिवस के अवसर पर राजधानी जयपुर का हृदय स्थल कहा जाने वाला बड़ी चौपड़, अनूठी सियासती परंपरा का साक्षी बनता है। बताया जाता है कि जयपुर की बड़ी चौपड़ पर झंडारोहण की परंपरा आजादी के बाद कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रहे गोकुलभाई भट्ट के समय से शुरू हुई थी।
पहले पक्ष, फिर विपक्ष का ध्वजारोहणबड़ी चौपड़ पर पहले झंडारोहण सत्तापक्ष की ओर से होता है और ठीक उसके बाद विपक्षी दल के नेता राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। इस आयोजन की खास बात यह है कि बड़ी चौपड़ पर झंडारोहण कार्यक्रम का आयोजन दोनों दलों की जिला यूनिट करती हैं। बड़ी चौपड़ पर होने वाले इस आयोजन के लिए यहां तिरंगा फहराने का ‘कोड ऑफ कंडक्टÓ भी निर्धारित किया हुआ है। पहले सत्ता पक्ष और फिर विपक्षी पार्टी को यह अवसर मिलता है।
विपरीत दिशा में बनते हैं मंचसत्ता पक्ष के लिए बनाया गया मंच रामगंज चौपड़ की तरफ देखता हुआ होता है और विपक्षी पार्टी के मंच का मुंह सांगानेरी गेट की तरफ बनाया जाता है। शहर कांग्रेस के अध्यक्ष प्रतापसिंह खाचरियावास हैं, वहीं भाजपा के शहर अध्यक्ष मोहनलाल गुप्ता हैं। सत्ता पक्ष की ओर से आयोजित कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री और विपक्षी दल के कार्यक्रम में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ध्वजारोहण करते हैं।
- Advertisement -
- Advertisement -
- Advertisement -