महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) की मौत का पहला वीडियो सामने आया है. वीडियो में महंत नरेंद्र गिरि के गले में रस्सी दिख रही है. महंत का शव फर्श पर दिखाई दे रहा है. बता दें, महंत नरेंद्र गिरि की मौत का ये वीडियो बाघंबरी मठ में पुलिस के पहुंचने के बाद का है.
मंहत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद के पहले वीडियो में महंत नरेंद्र गिरि का शव फर्श पर पड़ा नजर आ रहा है और बगल में ही महंत के कथित सुसाइड नोट में उत्तराधिकारी बताए गए बलबीर गिरि खड़े नजर आते हैं. शिष्यों ने महंत नरेंद्र का शव फंदे से उतारा था. वीडियो में महंत जी के गले में रस्सी दिख रही है.
शिष्यों ने महंत के कमरे का वीडियो बनाया था. नाइलॉन की रस्सी के 3 टुकड़े कमरे में मिले हैं. वीडियो में गले में, पंखे पर और टेबल पर रस्सी का टुकड़ा दिख रहा है. पुलिस के आने से पहले ही शव उतारा गया था.
चलते पंखे पर कोई फांसी लगा सकता है ? pic.twitter.com/pecrmJ6sS6
— Abhinav Pandey (@Abhinav_Pan) September 23, 2021
बता दे कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए CBI की टीम गुरुवार दोपहर दो बजे प्रयागराज पहुंच गई है. टीम में पांच सदस्य हैं. योगी सरकार ने संतों की मांग पर बुधवार की रात 11 बजे CBI जांच की सिफारिश की थी. यानी इस हाईप्रोफाइल मामले में महज 15 घंटे के अंदर ही सीबीआई एक्शन मोड में आ गई है.
पुलिस लाइन में CBI अब इस मामले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) के अफसरों से जानकारी जुटा रही है. CBI को महंत की मौत से संबंधित FIR, केस डायरी और अब तक जुटाए गए साक्ष्य सौंपे जाएंगे. इसके बाद CBI अपने स्तर पर नए सिरे से पड़ताल शुरू करेगी.
आखिरकार CBI जांच का निर्णय क्यों?
तकरीबन सभी प्रमुख संत-महात्माओं ने महंत की मौत की CBI जांच की मांग प्रदेश सरकार से की है. चुनावी साल में प्रदेश सरकार संत-महात्माओं की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती है. महंत एक राष्ट्रीय स्तर की शख्सियत थे. देश के कई राज्यों के अखाड़ों, मठों व आश्रमों में उनकी स्वीकार्यता थी. प्रत्येक राज्य में जाकर पड़ताल करना पुलिस के लिए संभव नहीं है. महंत की मौत के पीछे बड़े पैमाने पर संपत्ति का विवाद भी एक बड़ा कारण कहा जा रहा है.
संत-महात्माओं को महंत नरेंद्र गिरि के कथित सुसाइड नोट पर भरोसा नहीं है. एक स्वर में सभी का यही कहना है कि महंत लिखने-पढ़ने के मामले में कमजोर थे. वह इतना लंबा सुसाइड नोट नहीं लिख सकते थे. महंत के सुसाइड नोट में काले और नीले रंग के पेन का इस्तेमाल किया गया है. महंत के सुसाइड नोट में 25 जगह काटा गया है. जहां काटा गया है या डेट बदली गई है, उसके लिए नीले रंग के पेन का इस्तेमाल किया गया था और बाकी सब कुछ काले रंग के पेन से लिखा है.
पुलिस के आने से पहले शव को फंदे से नीचे उतार कर क्राइम सीन और साक्ष्यों से छेड़छाड़ की गई. एक वायरल वीडियो के अनुसार जिस पंखे के सहारे महंत ने फांसी लगाई थी, वह चल रहा था. महंत ने जिस रस्सी से फांसी लगाई थी, वह 3 टुकड़ों में थी. महंत के वह कौन से वीडियो थे जिन्हें वायरल करने की धमकी दी जा रही थी. कौन उन्हें यह सूचना दे रहा था कि उनका शिष्य आनंद गिरि उनके वीडियो वायरल करने की तैयारी में है.
महंत के कमरे में सल्फास की डिबिया कहां से आई. उसे कौन लाया था. यदि महंत ने ही मंगवाया था तो किससे और क्या कह कर मंगवाया था. महंत की मौत के असल गुनहगार कौन हैं. पोस्टमॉर्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार यदि उन्होंने खुद ही फांसी ही लगाई है तो इसके पीछे की वजह क्या थी. महंत की मौत के पीछे एक एडिशनल एसपी, सपा के एक पूर्व मंत्री और भाजपा के एक नेता की क्या भूमिका है.
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