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सड़क बनने पर ‘सड़क पर आ जाएंगे किसान

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सड़क बनने पर ‘सड़क परÓ आ जाएंगे किसान -किसानों की महापंचायत में प्रशासनिक अधिकारियों पर अनदेखी का लगाया आरोप -राष्ट्रीय हाइवे निर्माण के दौरान अवाप्त की जा रही भूमि का उचित मुआवजा देने की मांगहनुमानगढ़. जिले में राष्ट्रीय हाइवे निर्माण के दौरान अवाप्त की जा रही किसानों की भूमि का उचित मुआवजा देने की मांग को लेकर किसानों का धरना 39 वें दिन भी कलक्ट्रेट के समक्ष जारी रहा। मंगलवार को किसानों की हुई महापंचायत में किसान नेताओं ने जल्द मांग के अनुसार मुआवजा नहीं मिलने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी। किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि हाइवे बनने के बाद किसानों को अवाप्त भूमि का बाजार भाव से मुआवजा नहीं मिला तो किसान सड़क पर आ जाएंगे। सभा में किसान नेताओं ने कहा कि हाइवे निर्माण को लेकर किसानों की जो भूमि अवाप्त की जा रही है, उसका धरतीपुत्रों को उचित मूल्य नहीं दिया जा रहा है। किसान बाजार के अनुसार अवाप्त भूमि का मुआवजा देने की मांग को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन सरकार इस मांग को लगातार अनसुनी कर रही है। पार्षद देवेंद्र पारीक ने कहा कि जब भाजपा, कांग्रेस और माकपा के विधायक सब बाजार भाव से किसानों को मुआवजा देने को लेकर तैयार हैं फिर खोट किसमें है। इसका पता सबको होना चाहिए। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि प्रशासनिक अधिकारी किसानों को राहत दिलाने में रुचि नहीं दिखा रहे। जिला परिषद सदस्य मंगेज चौधरी ने कहा कि तीन विधायक जब हमारे साथ हैं फिर हमें हक से कोई वंचित नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि 21 अगस्त को जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक है। इसमें किसानों को अवाप्त भूमि का उचित मुआवजा दिलाने का प्रस्ताव पारित करवाने का आश्वासन दिया। भादरा विधायक बलवान पूनियां ने कहा कि बिना संघर्ष के हक मिलना संभव नहीं हैं। जिन किसानों को उचित मुआवजा चाहिए, उन्हें एकजुट होकर संघर्ष करना ही पड़ेगा। पूनियां ने आंदोलन की धार को तेज करने सलाह दी। संगरिया विधायक गुरदीप सिंह ने कहा कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर हमने किसानों की मांग को उचित मंच रखा है। जरूरत पडऩे पर किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष करेंगे। हनुमानगढ़ विधायक चौधरी विनोद के प्रतिनिधि भूपेंद्र चौधरी ने किसानों को विश्वास दिलाया कि स्थानीय विधायक किसानों के साथ हैं। किसानों को उचित मुआवजा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करने की बात कही। उन्होंने कहा कि वोटों के समय पार्टी की बातें होती है, अब केवल हक की बातें होगी। माकपा नेता रामेश्वर वर्मा, किसान नेता सुरेंद्र शर्मा, रघुवीर वर्मा, सुशील गोदारा, ओम जांगू, धन्नाराम भादू, बहादुर सिंह चौहान, दलीप छींपा, विजय पूनियां सहित अन्य मौजूद रहे। किसान नेताओं ने चेताया कि निर्धारित समय में किसानों को मांग के अनुसार उचित मुआवजा नहीं मिलता है तो आंदोलन तेज करेंगे। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई वार्ता में किसी तरह का ठोस आश्वासन नहीं मिलने पर किसानों ने धरना जारी रखने का निर्णय लिया।
विधायक को आया गुस्साकिसानों की महापंचायत में कांग्रेस, भाजपा और माकपा सभी दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस दौरान माकपा नेता बहादुर सिंह चौहान जब केंद्र के मंत्रियों को कोसने लगे तो संगरिया विधायक को गुस्सा आ गया। उन्होंने माइक के सामने जाकर चौहान को रोकने का प्रयास किया। विधायक का कहना था कि यह मंच किसी पार्टी को कोसने के लिए नहीं बनाया गया है, किसानों को हक दिलाने के लिए जरूरत पड़ी तो मैं इस्तीफा देने को भी तैयार हूं। लेकिन पार्टीबाजी की बात इस तरह से ऐसे मंच पर करना उचित नहीं है।

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