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26 को फिर मुखर होगा किसान आंदोलन, मनाएंगे काला दिवस

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सीकर. कृषि कानूनों का छह महीनों से विरोध कर रहे किसान 26 मई को आंदोलन को फिर मुखर करेंगे। अपनी मांगों की अनदेखी के विरोध में विभिन्न किसान संगठन जिले में काला दिवस मनाएंगे। यह निर्णय काला दिवस के आयोजन को लेकर भारतीय किसान यूनियन-टिकैत (अराजनैतिक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत और प्रदेश अध्यक्ष चौधरी राजाराम मील के निर्देशों के तहत रविवार को प्रदेश संरक्षक पूर्णमल सुंडा की अध्यक्षता में आयोजित सीकर जिला इकाई की 20 वीं साप्ताहिक बैठक में किया गया। इस दौरान तय किया गया कि काला दिवस पर यूनियन के पदाधिकारी,कार्यकर्ता और किसानों काला दिवस पर अपने घरों, वाहनों, दुकानों पर काले झण्डे या काले कपड़े लहराएंगे। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन-(टिकैत) के जिला संगठन सचिव नरेन्द्र धायल, सीकर जिला अध्यक्ष दिनेश सिंह जाखड़, राष्ट्रीय सचिव झाबर सिंह घोसलिया, प्रदेश उपाध्यक्ष सदर मोहम्मद कासिम खिलजी, प्रदेश महासचिव अशोक मील एवं एडवोकेट सन्दीप नेहरा सहित अनेक ग्राम इकाईयों के पदाधिकारी और सक्रिय सदस्य मौजूद रहे।
इधर टोल शुरू करने का विरोधजिले में छह फरवरी से टोल मुक्त चल रहे दूजोद टोल प्लाजा को रविवार को शुरू करने के प्रयास को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों में आक्रोश फैल गया। धरने पर बैठे किसान के टोल प्लाजा पर पहुंचने से एक बारगी तनाव की स्थिति बन गई लेकिन कुछ देर बाद प्रशासनकी समझाइश से मामला शांत हुआ। किसानों ने प्रशासन को चेतावनी दी कि भविष्य में अगर टोल ऐसे चालू किया तो उग्र आंदोलन होगा। इस दौरान पूर्व विधायक पेमाराम, बेगाराम कुलेरी, झाबर खूड़, मूंडवाड़ा पूर्व सरपंच महावीर सिंह, झाबर राड़ ,पन्नालाल चिमनाराम माण्डोता, गुलाब मील,पंकज डोगीवाल, संजू डोगीवाल, रामेश्वर , प्रदीप, राजू सैन सहित कई लोग मौजूद रहे।
पानी निकासी के लिए जमीन का सहयोगसीकर. दीनारपुरा गांव में बरसाती पानी निकासी की समस्या के समाधान के लिए खेमचंद पटवारी और उनके पुत्र जगदीश व राजू भूकर ने अपने खेत की जमीन से रास्ता दिया है। ग्रामीणों ने बताया कि यह परिवार पहले भी एक बीघा जमीन गांव को पशु चिकित्सालय के लिए दान कर चुका है। पंच रामकुमार,ओकर मल, नथमल, भंवरलाल, रामलाल, बलबीर राड़ आदि ने यह जानकारी दी। ग्रामीणों की ओर से भामाशाहों की इस पहल को काफी सराहा गया। ग्रामीणों ने बताया कि इस तरह से पहल गांव-ढाणियों में होने वाले विवादों का हल निकला है।

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