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किसानो का मोदी सरकार पर बड़ा आरोप

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कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने सरकार से बातचीत के बाद कहा है कि सरकार उन्हें बांटने की कोशिश कर रही है. समयुक्त किसान मोर्चा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि किसी भी हाल में कृषि कानून रद्द होने चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है तो आंदोलन और तेज होगा और दिल्ली के बाकी बॉर्डर भी सील कर दिए जाएंगे.
सरकार ने की बांटने की साजिश
किसान नेताओं ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, सरकार की जो साजिश थी कि ये सिर्फ पंजाब के लोगों का ही प्रदर्शन है, इसे हमने विफल किया. हमने इसे देश के आंदोलन के रूप में सरकार के सामने रखा. किसान नेताओं ने कहा कि सरकार ने पहले जहां हमें बांटने की कोशिश की, वहीं अब इस मुद्दे को टालने की भी कोशिश कर रही है. बैठक के बाद सरकार की कोशिश ये थी कि संगठनों को आपस में ही डिवाइड कर दिया जाए. इस साजिश को कल नाकाम किया गया.
किसान नेताओं ने कहा कि वो सरकार को साफ कर चुके हैं कि कोई भी छोटी कमेटी नहीं बनाई जाएगी. पंजाब के किसान संगठनों ने तय किया है कि वो सरकार को हर कानून का अलग से बिंदुवार ब्योरा देंगे और बताएंगे कि कैसे ये किसान विरोधी हैं. किसानों ने कहा कि इसके बाद अगर सरकार इन्हें नहीं मानती है तो हमारा आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा. किसान नेताओं ने कहा कि सरकार तुरंत स्पेशल पार्लियामेंट सेशन बुलाए और इन तीनों कानूनों को खत्म करे.
अब देशव्यावी होगा आंदोलन
किसान नेताओं ने कहा कि सरकार ने फिर मुलाकात के लिए बुलाया है. लेकिन अगर कानून रद्द नहीं किए जाते हैं तो टिकरी बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर और तमाम जगहों पर प्रदर्शन जारी रहेगा. साथ ही ये पूरे देश में फैलेगा. किसानों ने फिर एक बार सरकार को चेतावनी दी कि वो दिल्ली के सभी बॉर्डर पूरी तरह से सील कर देंगे. समयुक्त किसान मोर्चा ने दावा किया कि उन्हें देशभर के कई राज्यों के किसानों का भी समर्थन मिल रहा है. किसान नेताओं ने कहा कि 3 दिसंबर के दिन भोपाल गैस कांड हुआ था. इसीलिए किसानों ने तय किया है कि इस दिन को अडानी, अंबानी जैसे कॉर्पोरेट्स के खिलाफ मनाया जाए.
किसान नेताओं ने कहा, पूरे देशभर में इसका विरोध हो. साथ ही 5 दिसंबर को इसी मामले को लेकर पूरे देश में पुतला दहन का कॉल दिया गया है. उन्होंने कहा कि हमने निर्णय लिया है कि हमारे पंजाब के किसानों के अलावा पूरे देश के किसान नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया जाए. हमने 5 तारीख़ को पूरे देश में मोदी सरकार का पुतला दहन करने का आह्वान किया है. पूरे देश में 5 तारीख़ को धरना देंगे. सात तारीख़ को खिलाडी और कलाकार, जिन्हें राष्ट्रीय अवार्ड मिले हैं वे उन्हें वापस दे देंगे.
7 दिन से सड़क पर जिंदगी
कृषि बिलों के विरोध में NDA से अलग हुए शिरोमणि अकाली दल ने किसानों से बातचीत बेनतीजा रहने के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया. अकाली दल ने कहा कि सरकार बातचीत को इसलिए लंबा खींच रही है, ताकि किसान थक जाएं. चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे पंजाब यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने वॉटर कैनन चलाई. बाद में कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया. यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता मांग कर रहे थे कि किसानों के खिलाफ फोर्स इस्तेमाल करने के लिए खट्टर माफी मांगें.
आंदोलन के लिए पंजाब के घर-घर से दिया जा रहा आटा, चावल और घी
भूखे पेट फौज जंग नहीं लड़ सकती. इस बात को पंजाब के किसानों से बेहतर कोई नहीं जानता. दो महीने पंजाब और अब सात दिन से दिल्ली बॉर्डर पर डटे किसानों को खाने की दिक्कत न हो, इसके लिए पूरे पंजाब में हर किसान परिवार योगदान दे रहा है. पंजाब में लगे ज्यादातर पक्के धरने इन दिनों कलेक्शन सेंटर में बदल दिए गए हैं. जहां 70 साल के बुजुर्गों से महिलाएं तक सिर पर आटा, चावल, दाल की बोरियां लादकर पहुंच रहे हैं. हर घर से आटा, दाल, घी, फल, सब्जियां और दूध आदि पहले कलेक्शन सेंटर और फिर वहां दिल्ली पहुंचाया जा रहा है.
किसान जत्थेबंदियों ने गांवों में टीमें बनाई हैं जो यकीनी बनाती हैं कि दिल्ली तक राशन की सप्लाई की चेन टूटने न पाए. दिल्ली कूच से पहले ही किसान जत्थेबंदियों ने साफ कर दिया था कि 26-27 नवंबर को चार महीने का राशन अपने साथ लेकर निकलेंगे. गांवों से रोजाना सामान इकट्ठा किया जा रहा है और जरूरत के मुताबिक धरनास्थल तक पहुंचाया जा रहा है. किसान अपने स्तर पर भी सामान लेकर पहुंच रहे हैं. रोपड़ में लोगों से 2 लाख का चंदा जुटाकर किसानों के लिए सामान भेजा गया. वहीं, 20 किलो अचार का डिब्बा उठाए कलेक्शन सेंटर पहुंची बुजुर्ग महिला ने कहा कि आगे भी सामान पहुंचाती रहेंगी.
होशियारपुर के गांव राजपुर भाइयां से खाने-पीने के सामान के अलावा, कपड़े, कंबल, डिस्पोजल भेजे जा रहे हैं. गांव वालों का कहना है कि जब तक आंदोलन चलेगा, किसी चीज की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी. महाराष्ट्र के किसान संगठनों ने आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा है कि सरकार 3 दिसंबर तक कृषि कानूनों से जुड़ी चिंताएं दूर करे. ऐसा नहीं हुआ तो वे दिल्ली कूच करेंगे. पुलिस ने बुधवार सुबह नोएडा लिंक रोड पर स्थित चिल्ला बॉर्डर भी बंद कर दिया. गौतम बुद्ध गेट पर किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए यह फैसला लिया. बाद में दोपहर करीब 3 बजे दिल्ली-नोएडा बॉर्डर खोल दिया गया.
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