सीकर/कांवट. राजस्थान के सीकर जिले के कांवट कस्बे में एक परिवार अपनी जिंदा बेटी को जिंदा घोषित करने के लिए पिछले डेढ साल से चक्कर काट रहा है। दरअसल बेटी के जन्म पर परिवार ने सीएचसी से टीका लगवा लिया था। जिसकी कंप्यूटर एंट्री में ही अस्पताल ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद बेटी को ना तो सरकारी योजनाओं का लाभ मिल पा रहा है। वहीं, बेटी को कागजों में जिंदा करने के लिए परिजनों के भी प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर बढ़ गए हैं। मामला कावंट कस्बे के जोशी मोहल्ला स्थित वार्ड 8 से जुड़ा हुआ है। यहां के गौतम कुमार शर्मा की पत्नी मनीषा ने 24 सितम्बर 2017 को जयपुर के जनाना अस्पताल में बेटी को जन्म दिया। प्रसव के बाद गौतम अपनी बेटी को लेकर कावंट पहुंच गए। जहां बेटी तविशा का जन्म प्रमाण भी बन गया। इसके बाद बेटी तविषा को कांवट सीएचसी से परिजनों ने टीके लगवाए। मामले की शिकायत करने के बाद भी चिकित्सा विभाग के अधिकारी एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं।
बेटी को जिंदा दिखाया तो हुआ टीकाकरणतविशा के परिजन दूसरी बार टीकाकरण के लिए बेटी के टीका लगाने के लिए अस्पताल लेकर गए तो टीकाकरण करने वाले कार्मिकों ने कहा कि उनकी बेटी की तो मौत हो चुकी है। यह सुन एकबार तो परिजनों के पैरों तले की जमीन खिसक गई। बाद में परिजनों के जिंदा बेटी को दिखाने के बाद कार्मिकों ने टीकाकरण तो कर दिया। लेकिन हर बार टीकाकरण के लिए जाते तो परिजनों को यही सुनने को मिलता कि आपकी बेटी तो मर चुकी है।
अपडेट करने के दौरान हुई गलतीबेटी तविषा के जन्म के बाद आशा सहयोगिनी ने संपूर्ण जानकारी अस्पताल को उपलब्ध करवा दी। लेकिन अस्पताल प्रशासन ने जानकारी को ऑनलाइन अपडेट किया तो गलती से बच्ची को मृत घोषित कर दिया। अब परिजन डेढ़ साल से अपनी जीवित बेटी को ही जिंदा साबित करने के लिए कांवट सीएचसी के चक्कर लगा रहे है। लेकिन अस्पताल प्रशासन ने अभी तक गलती को नही सुधारा है। मामले की शिकायत शुक्रवार रात कांवट सीएचसी के दौरे पर आए अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी लक्ष्मणसिंह ओला को की गई।
सरकारी योजनाओं का नही मिल रहा लाभबेटी के जन्म के समय राजश्री योजना के 25 सौ रुपए तो उसकी मां के खाते में आ गए। लेकिन बेटी को मृत घोषित करने के कारण एक वर्ष का टीकाकरण होने के बाद मिलने वाली सहायता राशि नही मिल पा रही है।
इनका कहना है
कांवट सीएचसी में टीकाकरण के बाद ऑनलाइन अपडेट के समय गलती से बच्ची मृत दर्ज हो गई। इस गलती के सुधार के लिए विभाग को पत्र भेज रखा है। जल्द ही ऑनलाइन अपडेट में सुधार हो जाएगा।
डॉ. आरके शर्मा चिकित्सा प्रभारी, सीएचसी, कांवट
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