आने वाले दिनों में फेसबुक (Facebook) अपना नाम बदल सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फेसबुक मेटावर्स बनाने पर फोकस कर रहा है. इसी के चलते कंपनी अपने नए नाम की घोषणा कर सकती है. हालांकि कंपनी ने अभी इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कंपनी के CEO मार्क जुकरबर्ग (Zuckerberg) कंपनी की ऐनुअल कनेक्ट कॉन्फ्रेंस में नए नाम की घोषणा कर सकते हैं. कंपनी ऐसा इसीलिए करना चाहती है क्योंकि फेसबुक के CEO चाहते हैं कि कंपनी को अगले कुछ सालों में लोग मेटावर्स कंपनी के तौर पर जानें.
एक ही जगह मिलेंगी कई सुविधाएं
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस बदलाव के जरिए कंपनी अपने सारे ऐप जैसे इंस्टाग्राम, वॉट्सऐप और ऑकुलस को एक जगह लाने की प्लानिंग कर रही है. मार्क जुकरबर्ग ने हाल में घोषणा की थी कि हम एक सोशल मीडिया कंपनी से आगे बढ़कर ‘मेटावर्स’ कंपनी बनेंगे और ‘एम्बॉइडेड इंटरनेट’ पर काम करेंगे. जिसमें रियलटी और वर्चुअल वर्ल्ड का मेल पहले से कहीं अधिक होगा. इससे मीटिंग, घूमना-फिरना, गेमिंग जैसे कई काम कर पाएंगे.
खुद का नाम बदलने या रीब्रांड करने वाली फेसबुक कोई पहली कंपनी नहीं है. इससे पहले 2015 में गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट ने गूगल सिर्फ एक सर्च इंजन न रह जाए इसके लिए इसमें कई अहम बदलाव किए थे. इसके अलावा 2016 में स्नैपइंक का नाम बदलकर स्नैपचैट किया गया था.
फेसबुक 10 हजार लोग हायर करेगी
कंपनी ने अपने मेटावर्स डेवलपमेंट के लिए यूरोपीय यूनियन (UN) के 10 हजार लोगों को नौकरी देने का ऐलान किया है. मार्क जुकरबर्ग ने बताया कि वो वर्चुअल रियलटी वर्ल्ड के एक्सपीरिएंस डेवलपमेंट के लिए पांच साल में बड़े पैमाने पर भर्ती करेंगे. ये नौकरियां फ्रांस, जर्मनी, आयरलैंड, इटली, नीदरलैंड, पोलैंड और स्पेन सहित अन्य देशों के लिए होंगी.
जुकरबर्ग ने बीते महीने बताया था कि उनकी कंपनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से आगे बढ़कर ‘मेटावर्स’ कंपनी बनेगी. फेसबुक एक ऐसी ऑनलाइन दुनिया तैयार कर रही है, जहां लोग VR (वर्चुअल रियलटी) हेडसेट का उपयोग करके वर्चुअल एनवायरमेंट में गेम, वर्क और कम्युनिकेशन कर पाएंगे.
क्या है मेटावर्स?
इसे वर्चुअल रियलटी का नेक्स्ट लेवल कहा जा सकता है. जैसे अभी लोगों ने ऑडियो स्पीकर, टेलीविजन, वीडियो गेम के लिए वर्चुअल रियलिटी टेक्नोलॉजी को डेवलप कर लिया है. यानी आप ऐसी चीजों को देख पाते हैं जो आपके सामने हैं ही नहीं. फ्यूचर में इस टेक्नोलॉजी के एडवांस वर्जन से चीजों को छूने और स्मेल का अहसास कर पाएंगे. इसे ही मेटावर्स कहा जा रहा है. मेटावर्स शब्द का सबसे पहले इस्तेमाल साइंस फिक्शन लेखक नील स्टीफेन्सन ने 1992 में अपने नोबेल ‘स्नो क्रैश’ में किया था.
फेसबुक का कॉर्क आयरलैंड में एक रियलिटी लैब है. उसने फ्रांस में एक AI (ऑग्मेंटेड रियलटी) रिसर्च लैब खोली है. 2019 में फेसबुक ने AI एथिकल रिसर्च सेंटर बनाने के लिए म्यूनिख की टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी के साथ भागीदारी की है. कंपनी अगले 5 साल में जिन लोगों को नौकरी देगी उनमें हाईली स्पेशलाइज्ड इंजीनियर्स शामिल होंगे.
The post बदलाव की ओर फेसबुक, नया नाम भी दिया जा सकता है appeared first on THOUGHT OF NATION.
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