Here the monkeys snatched women’s freedom-बंदरों का आंतक-हमले पर हमलेसीकर. शायद ही आपने ऐसा सुना होगा। दरअसल सुनने में अजब सा लगता भी है। लेकिन राजस्थान के एक गांव में इन दिनों यही हाल है। सीकर के इस गांव में आजकल बस एक ही मुद्दे पर बात होती है, वो है बंदर। दरअसल गांव में एक माह से आई बंदरों की एक टोली ने यहां आंतक मचा रखा है। घरों से बाहर निकलने से महिलाएं व बच्चे डर रहे हैं। और तो और बंदर(monkey) घरों में भी घुसकर लोगों को घायल कर रहे हैं। ऐसे में ग्रामीणों के मन में डर सा बैठ गया है।
सहमी सी हैं गांव की महिलाएं!राजस्थान (rajasthan) के शेखावाटी इलाके का गांव थोई में बंदरों के आंतक ने यहां सभी को आशंकित कर छोड़ा है। गांव व आसपास के लोग बताते हैं कि थोई के घरों में विशेषकर महिलाएं और बच्चों को संभलकर रहना पड़ रहा है। इन दिनों गांव में बंदरों का आतंक सभी की मुसीबत बन चुका है।
घर में कपड़े धो रही महिला पर हमलाजानकर हैरान होंगे कि बंदर किचन, बैठक संग घर के सभी कमरों में पहुंच रहे हैं। शनिवार को गांव के वार्ड 17 स्थित एक घर में कपड़े धो रही एक महिला सुनिता वर्मा पर बंदरों ने एक साथ हमला कर दिया। हमला इस कदर था कि महिला को अस्पताल ले जाना पड़ा। अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि महिला को जरूरी उपचार दिया गया है।
छतों पर जाने से लगता है डरमहिलाएं (women) बताती हैं कि गांव में बंदरों का आतंक इस कदर है कि घर की छतों पर भी वे नहीं जा सकती हैं। इससे पहले ऐसा कभी न था। अब महिलाओं को बंदरों को भगाने के लिए डंडा भी रखना पड़ता है लेकिन कई बार बंदरों को धमकाना भारी भी पड़ जाता है।
आए दिन कर रहे जख्मी गांव में बंदर लोगों को आए दिन जख्मी कर रहे हैं। ग्रामीण बताते हैं कि पिछले एक माह में 10-15 लोग बंदरों की चपेट में आए हैं और अस्पताल पहुंचे हैं। अब तो बंदरों के चलते बच्चों में भी डर बैठता जा रहा है।
घर से खाने के सामान ले चम्पतग्रामीण बताते हैं कि अब वे घर में खुले में खाना खाने से भी कतरा रहे हैं। ऐसे में उन्हें बंदरों का भय लगा रहता है। पता नहीं चलता है और कुछ देर में बंदरों की टोली आ धमकती है। बंदर कई बार तो घरों में रखी खाने पीने की वस्तुएं या तो गिरा कर नुकसान कर देते हैं तो कई बार झपट्टा मार हाथ में से छीन भी ले जाते हैं।
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