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HomeRajasthan NewsSikar news'प्रवेश' से पहले कोरोना ले रहा 25 लाख अभ्यर्थियों की परीक्षा

‘प्रवेश’ से पहले कोरोना ले रहा 25 लाख अभ्यर्थियों की परीक्षा

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सीकर. कोरोना की दूसरी लहर की वजह से देश के ज्यादातर राज्यों में स्कूल व कॉलेजों की परीक्षाओं के साथ प्रवेश परीक्षाओं पर भी ग्रहण लग गया है। इंजीनियरिंग व मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं के साथ अब प्रदेश के अभ्यर्थियों को अन्य प्रवेश परीक्षाओं के लिए इंतजार करना होगा। प्रदेश के युवाओं को पीटीइटी, बीएसटीसी, एमएड, शिक्षा शास्त्री व बीपीएड एवं भारतीय पुनर्वास परिषद की प्रवेश परीक्षा का सबसे ज्यादा इंतजार है। इन परीक्षाओं की वजह से प्रदेश के 25 लाख से अधिक युवाओं का भविष्य भी भंवर में फंसा हुआ है। कोरोना की वजह से पिछले साल भी शिक्षा सत्र पूरी तरह बेपटरी हो गया था। इस साल भी शिक्षा सत्र समय पर शुरू होने की आस बेहद कम है।
पीटीईटी: साढ़े पांच लाख ने किया आवेदन
बीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए होने वाली पीटीईटी परीक्षा के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। परीक्षा 16 मई को प्रस्तावित है। लेकिन इस बार भी परीक्षा कोरोना के फेर में उलझी हुई है। पिछले साल भी पीटीइटी की परीक्षा में दो बार बदलाव हुआ था।
डीएलएड: बोर्ड परीक्षा की वजह से बिगड़ा गणित
कोरोना की वजह से प्रदेश में भी बोर्ड परीक्षा स्थगित हो गई है। ऐसे में डीएलएड में प्रवेश प्रक्रिया भी पूरी तरह उलझ गई है। प्रदेश में लगभग साढ़े 24 हजार सीटों के लिए होने वाली इस परीक्षा का लगभग सात लाख अभ्यर्थियों को इंतजार है। पिछले साल भी प्रदेश में लगभग पौने सात लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे।
विशेष शिक्षा पाठ्यक्रम: पैटर्न में बदलाव संभव
भारतीय पुनर्वास परिषद ने पिछले साल विशेष शिक्षा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन नहीं कराया था। इसके लिए कक्षा बारहवीं के अंकों के आधार पर प्रवेश देने का ऐलान किया था। लेकिन विसंगति होने की वजह से कई राज्यों में जनवरी महीने तक भी प्रवेश प्रक्रिया जारी रही। इस साल प्रवेश के पैटर्न में बदलाव संभव है। प्रदेश के दो लाख से अधिक अभ्यर्थियों को इसका इंतजार है।
विद्यार्थियों की पीड़ा: देरी की वजह से दूसरी पाठ्यक्रमों में प्रवेश
केस एक: सीकर निवासी रोहित चौधरी ने पिछले साल बीएड में प्रवेश का पूरा मन रखा था। लेकिन परीक्षा सितम्बर तक नहीं हुई। ऐसे में सोचा कि बीएड की वजह से स्नातक में प्रवेश से वंचित नहीं रह जाए। इसलिए आखिर में बीएससी में प्रवेश ले लिया।केस दो: जयपुर निवासी राखी शर्मा ने पिछले साल विशेष शिक्षा के करियर को देखते हुए आवेदन भी किया। लेकिन दिसम्बर तक कॉलेज भी आवंटित नहीं हुआ। इस कारण मजबूरी में आखिरी समय में इंजीनियरिंग में प्रवेश ले लिया। राखी का कहना है कि कोरोना की वजह से कॅरियर में आए बदलाव का दर्द उसे ताउम्र रहेगा।
यह परीक्षाएं भी अटकी
प्रदेश में शिक्षा शास्त्री, एमएड व बीपीएड सहित अन्य प्रवेश परीक्षाएं भी कोरोना की वजह से अटकने की संभावना है। अभ्यर्थियों का कहना है कि इन परीक्षाओं के लिए संबंधित परीक्षा एजेन्सियों को कोरोना की वजह से पैटर्न में बदलाव करना चाहिए।
एक्सपर्ट व्यू: नए फॉर्मूले के आधार कुछ परीक्षा संभव
कोरोना की वजह से देशभर में प्रवेश, प्रतियोगी व स्कूल-कॉलेज की परीक्षाएं पूरी तरह प्रभावित हुई है। कफ्र्यू के नियमों में बदलाव होने पर जिन परीक्षाओं में अभ्यर्थियों की संख्या कम है उनमें सेंटरों में बढ़ोतरी कर परीक्षा कराई जा सकती है। इसके अलावा शिक्षा शास्त्री व बीएड सहित अन्य पाठ्यक्रमों में स्नातक के अंकों के आधार पर प्रवेश दिया जा सकता है।डॉ. कमल सिखवाल, सीकर

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