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डॉ.ज्योतिस्वरूप शर्मा और नंदकिशोर शर्मा को राष्ट्रीय श्रेष्ठ कला आचार्य अलंकरण

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जोधपुर.साहित्य और कला की मानक संस्था मधुवन ( madhuvan bhopal ) ओर से राजस्थान के दो कला मनीषियों जोधपुर के प्रख्यात चित्रकार ( Senior painter ) डॉ. ज्योतिस्वरूप शर्मा ( Dr. Jyotishwaroop Sharma ) और जैसलमेर के प्रतिष्ठित लोक कला व संस्कृति के संरक्षक ( conservator of folk art) नंदकिशोर शर्मा ( Nandkishore Sharma ) को भोपाल में आयोजित समारोह में राष्ट्रीय श्रेष्ठ कला आचार्य अलंकरण ( National Best Art Acharya Alankaran ) से नवाजा गया है।
राजस्थान की ये विभूतियां संस्था ने गुरु वंदना महोत्सव के अवसर पर देश के चुनिंदा सात कला मनीषियों को भोपाल के मानस भवन सभागार में इस अलंकरण से सम्मानित किया, जिनमें राजस्थान की ये विभूतियां शामिल रहीं। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा मुख्य अतिथि थे। कवि और कथाकार संतोष चौबे ने अध्यक्षता की। वरिष्ठ पत्रकार देवदत्त शर्मा विशिष्ट अतिथि थे। अतिथियों ने उन्हें प्रशस्ति पत्र, श्रीफल, शॉल और वाग्देवी की पीतल की मूर्ति प्रदत्त कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में चित्रकार डॅा. ज्योतिस्वरूप शर्मा ने अतिथियों को स्वर्ण चित्रांकन भेंट किया। संस्था के कार्यकारी अध्यक्ष एस पी बंसल के अनुसार मधुवन संस्था पिछले 49 वर्षों से एेसी विभूतियों का सम्मान करती रही है, जो गुरु तुल्य, राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित और गुरु शिष्य परंपरा का निर्वाह करते हैं।
जोधपुर के डॉ.ज्योतिस्वरूप शर्माजोधपुर के जाने माने चित्रकार डॉ. ज्योतिस्वरूप शर्मा राष्ट्रीय स्तर पर एक जाना पहचाना नाम है। स्वर्ण चित्रांकन और एम्बोस पेन्टिंग में उनका कोई सानी नहीं है। उन्हें मारवाड़ रत्न, राज्य व राष्ट्रीय हस्तशिल्प अवार्ड और महाराणा मेवाड़ फाउंडेशन के महाराणा सज्जनसिंह अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। शर्मा ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि मैंने पिछले 40-45 बरसों के दौरान गुरु शिष्य परंपरा के माध्यम से युवा पीढ़ी की जो निशुल्क व निस्वार्थ सेवा की है, यह उसी का परिणाम है।
जैसलमेर के नंदकिशोर शर्मा
जैसलमेर के प्रतिष्ठित लोक कला व संस्कृति संरक्षक कला मनीषी नंदकिशोर शर्मा ने जैसलमेर की कला, संस्कृति और पुरा वैभव पर खूब लिखा है। उन्होंने आम जनता और पर्यटकों की सुविधा के लिए जैसलमेर का सांस्कृतिक वैभव सरल भाषा में खूबसूरती से उकेरा है। उन्होंने जोधपुर के कोमल कोठारी की तरह जैसलमेर में अपने स्तर पर संस्कृति और पुरा वैभव का एक लोक संग्रहालय भी स्थापित किया है। शर्मा का कहना है कि यह पुरस्कार स्वर्णनगरी की लोक संस्कृति से प्रेम का प्रतिफल है।
 
 

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