सीकर.दहेज प्रथा को खत्म करने के लिए भीखनसर गांव निवासी एक परिवार ने बड़ी मिसाल पेश की है। यहां सतपाल धायल व संतोष देवी ने अपने बेटे डॉ अनिल की शादी में दहेज को पूरी तरह नकार दिया। वहीं गांव के राजकीय स्कूल की प्रधानाचार्या मीनाक्षी को 51 हजार रुपए का चेक बालिका शिक्षा के लिए दिया है। इस राशि से गांव के विद्यालय में बेटियों की पढ़ाई के लिए और सुविधा विकसित की जाएगी। गांव की जरूरतमंद बेटियों की पढ़ाई के लिए अलग से फण्ड बनाने की घोषणा भी इस परिवार ने की है। इसके अलावा ग्राम पंचायत सरपंच शीशराम धायल को होनहार बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 21 हजार रुपए का चेक दिया है। ग्रामीणों ने इस पहल को काफी सराहा है। गांव में आयोजित कार्यक्रम में हरलाल धायल, सुल्तान धायल, शीशराम, राजपाल, बीरबल, सुरेन्द्र व राजेन्द्र मौजूद रहे। इस दौरान शेखावाटी की चंग-ढ़प मण्डली ने भी शेखावाटी की संस्कृति से जुड़े कार्यक्रमों की प्रस्तुति देकर दर्शकों का मन मोह लिया।
सास ने दिया यादगार गिफ्टइधर, दुल्हन नीलम को सास संतोष देवी ने मुंह दिखाई में दस लाख रुपए की कार गिफ्ट दी है। डॉ. अनिल ने बताया कि समाज में बढ़ते दहेज के चलन की वजह से आज भी बेटियों को बोझ मान जाता है। इस मानसिकता को बदलने के लिए बिना दहेज के शादी करने का संकल्प लिया था।
दूल्हा की पहल देख दुल्हन पक्ष हुआ अभिभूतदूल्हा डॉ. अनिल धायल ने टोड़ी गुढ़ागौडज़ी (झुंझुनूं) निवासी नीलम से रिश्ता पक्का होने से पहले ही बिना दहेज की बात कह दी थी। इससे पूरा दुल्हन पक्ष अभिभूत हो गया। दुल्हन के पिता शीशराम कुल्हरी, भाई दिनेश कुल्हरी व चाचा विद्याद्यर कुल्हरी ने भी दहेज प्रथा को खत्म करने की इस पहल को सराहा है। दुल्हन नीलम का भाई दिनेश कुल्हरी भारतीय सेना में है।
विदेश से पढ़ाई करने वाली बेटियों की करेंगे निशुल्क काउंसलिंगविदेश से पढ़ाई करने वाली बेटियों को इनके संस्थान की ओर से निशुल्क काउंसलिंग दी जाएगी। वहीं नीट परीक्षा की शेखावाटी की टॉपर बेटियों को हर साल संस्थान की ओर से छात्रव़ृत्ति भी दी जाएगी।
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