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दोस्त के साथ पांच करोड़ के एप बनाकर किए दान, अब मिलेगा नेशनल आइसीटी अवार्ड

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सीकर. प्रतिभा कही भी छिपी हुई हो सकती है। आवश्यकता बस उसको तराशने की है। गांव-ढाणियों की ऐसी प्रतिभाओं को निखारने के लिए ही एक शिक्षक ने ऐसा मोबाइल एप तैयार किया कि घर बैठे बिना किसी कोचिंग या ट्यूशन के भी बच्चे पढ़ाई कर सके। मित्र सुरेन्द्र तैतरवाल के एप तैयार करने वाले ये शिक्षक राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय धमकाली जोहड़ी के प्रधानाध्यापक सुरेश ओला है। जिनका चयन अब एनसीईआरटी के आईसीटी अवार्ड 2019 के लिए हुआ है। गौरतलब है कि सुरेश ओला दोस्त सुरेन्द्र तैतरवाल के साथ पहले भी कई एप बना चुके हैं। जिन्हें वे सरकार को दान कर चुके हैं। वर्ष 2018 के लिए शिक्षक उदय सिंह बेनीवाल का चयन हुआ है। इनकी ओर से बनाए गए 250 से अधिक मोबाइल एप को दो करोड़ से अधिक विद्यार्थी देख चुके है।
राज्य सरकार को भी दे चुके पांच करोड़ के एपशिक्षक सुरेश ओला व इनके दोस्त सुरेन्द्र कुमार तेतरवाल की ओर से राज्य सरकार को लगभग पांच करोड़ की कीमत के मोबाइल एप दिए जा चुके है। इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा की ओर से भामाशाह शिक्षा विभूषण सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।
स्कूली, कॉलेज व प्रतियोगी परीक्षार्थियों के लिए बनाए एपशिक्षा में तकनीक के नवाचार के लिए प्रदेश में जाने वाले शिक्षक की ओर से अब तक स्कूली व कॉलेज विद्यार्थियों के लिए 80 से अधिक मोबाइल एप बनाए है। इसके अलावा पिछले साल लॉकडाउन होने पर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए अलग से मोबाइल एप बना दिया।
तीन स्तरों के साक्षात्कार के बाद चयनआईसीटी अवार्ड के लिए हर साल शिक्षकों से आवेदन लिए जाते है। बेहतरीन कार्य करने वाले शिक्षकों का हर जिला व राज्यस्तर पर पैनल बनाया जाता है। राज्य सरकार की ओ से टॉप पांच नामों को मंत्रालय को भिजवाया जाता है।
मंत्रालय ने ग्राम पंचायत एप की पहल को भी सराहाओला व तेतरवाल की ओर से ग्राम पंचायत स्तर पर लोगों को एक प्लेटफार्म पर सभी जानकारी देने के लिए एप बनाया गया। इस एप को भी मंत्रालय ने काफी सराहा है। इससे पहले ओला को राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान व ऑल इंडिया एजुकेशनल ऑडियो वीडियो फेस्टिवल में भी सम्मान मिल चुका है।
शिक्षा में तकनीक का सहारा जरूरीशिक्षा में अब तकनीक का सहारा बेहद जरूरी हो गया है। कोरोनाकाल में इसकी उपयोगिता कई गुणा और ज्यादा बढ़ गई है। शिक्षक बच्चों के पास 24 घंटे नहीं रहता है और कई बच्चों के अभिभावक भी उनकी शैक्षिक समस्याओं का समाधान नहीं कर पाते है। ऐसे में निशुल्क मोबाइल एप बच्चों के लिए अच्छा सहारा बन रहे हैं। सरकार की ओर से शिक्षकों को लगातार शैक्षिक नवाचार के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
सुरेश ओला, प्रधानाध्यापक, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय धमकाली जोहड़ी, सीकर
इधर, शिक्षा मंत्री व निदेशक ने बढ़ाया हौसला
मंत्रालय की ओर से सूची जारी होने के बाद शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा व शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने ट्वीट कर दोनों चयनित शिक्षकों का हौसला बढ़ाया। उन्होंने लिखा कि राजस्थान के शिक्षक शैक्षिक नवाचार में काफी अच्छा कर रहे हैं।

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