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दानपात्र घोटाला: खाटूश्याम मंदिर कमेटी ने कहा, कोरोना में भक्तों के लिए लगाई थी दो दान पेटी

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सीकर/ खाटूश्यामजी.देवस्थान विभाग की बिना अनुमति के खाटूश्याम मंदिर में दो दान पात्र रखने के मामले में मंदिर कमेटी ने बेतुकी सफाई दी है। मंदिर कमेटी का तर्क है कि कोरोनाकाल में आने वाले भक्त खुले में दान राशि डाल रहे थे। इसलिए भक्तों को सहूलियत देने के लिए दो दान पात्र रखवाए गए थे। ट्रस्ट का दावा है कि दोनों दानपात्रों को अभी तक खोला नहीं गया है। लेकिन देवस्थान विभाग का सवाल है कि जब कोरोनाकाल में भक्त ही नहीं आ रहे थे तो फिर दान पात्र क्यों लगवाए गए। इधर, शिकायत के बाद देवस्थान विभाग की टीम तीसरे दिन भी खाटूश्याजी में रही। टीम ने सीसीटीवी के आधार पर जांच शुरू कर दी है। वहीं मंदिर कमेटी ने देवस्थान विभाग के नोटिस का जवाब गुरुवार को सहायक निदेशक को भिजवा दिया है। इसमें मंदिर कमेटी ने अपने बचाव के लिए कई तर्क दिए है। गौरतलब है कि पिछले दिनों देवस्थान विभाग को शिकायत मिली कि खाटू मंटिर ट्रस्ट ने मनमर्जी से दो दान पात्र लगवा दिए है। विभाग की टीम ने जब औचक निरीक्षण किया तो मौके पर बिना विभाग के ताले के दो दानपेटी मिली। शिकायतकत्र्ता ने तो यहां तक आरोप लगाया कि मंदिर कमेटी ने इन दान पात्रों के साथ छेड़छाड़ की है।
 
मंटिर ट्रस्ट: रोजाना झगड़े होते थे इसलिए लगवाए दान पात्र
देवस्थान विभाग की ओर से दिए नोटिस के जवाब में श्याम मंदिर कमेटी ने पत्र देकर अपना पक्ष रखा है। जिसमें बताया है कि कोविड संक्रमण काल के चलते मंदिर के पट आमजन के लिए बंद थे। खाटू कस्बे में जो श्रद्धालु दर्शनों के लिए आ रहे थे। वो मंदिर के निकास द्वार पर ही खुले में भेंट राशि रख रहे थे। जहां पर भिखारियों का जमावड़ा रहता था। सुरक्षागार्डो का उनसे आए दिन झगड़ा होता था। जिसको देखते हुए कमेटी ने दानपात्रों को सीलबंद कर सीसीटीवी व सुरक्षाकर्मियों की निगरानी में निकास द्वार पर रखवाए।
देवस्थान विभाग: मंदिर कमेटी के बयान लिए है…सीसीटीवी से जांच जारीदेवस्थान विभाग इंस्पेक्टर सुरेन्द्र पूनियां ने गुरुवार को खाटूश्यामजी पहुंचकर श्याम मंदिर के पदाधिकारियों के बयान लिए। विभाग की टीम ने दानपात्रों की जांच कर खाली पड़े गल्लों को कमेटी पदाधिकारियों की देखरेख में सीलबंद कराया। इसमें एक ताला कमेटी और एक ताला देवस्थान विभाग का लगाया गया। पूनियां ने बताया कि उन्होंने सीसीटीवी की भी जांच की।
इसलिए सवालों के घेरे में मंदिर कमेटी का जवाबमंदिर कमेटी ने सफाई दी है कि कोरोनाकाल में यह दान पात्र लगवाए गए। लेकिन बड़ा सवाल है कि मेले के अलावा सामान्य दिनों में एक दान पात्र को भरने में औसत 30 दिन का समय लग जाता है। ऐसे में सवाल है कि कोरोनाकाल में जब भक्त ही नहीं आ रहे थे उस दौर में भी कैसे दान पात्र पूरे भर गए।
कमेटी पदाधिकारियों की मंशा कही भी गलत नहीं थी। सभी आरोप निरोधार है। जांच के बाद सच सामने आ जाएगा।
शंभू सिंह चौहान, कमेटी अध्यक्ष, श्याम मंदिर खाटू
इस तरह से बिना देवस्थान विभाग की अनुमति के दान पात्र लगाना पूरी तरह गलत है। दान पात्र कब से लगे हुए थे यह तो देवस्थान विभाग ही जांच में ही सामने आएगा। लेकिन यदि इतना आवश्यक था दानपात्र लगाना तो देवस्थान विभाग को सूचना देकर लगवाना चाहिए था। खाटूश्यामजी आने वाले भक्तों को अच्छी सुविधाएं मिले सके इसलिए बोर्ड बनना चाहिए। कुछ लोग अपने फायदे के लिए नियमों को पूरी तरह ताक पर रखना चाहते है, जो गलत है।मोहनदास चौहान, पूर्व अध्यक्ष, श्री श्याम मंदिर कमेटी, खाटूश्यामजी
इस तरह से बिना देवस्थान विभाग की अनुमति के दान पात्र लगाना पूरी तरह गलत है। दान पात्र कब से लगे हुए थे यह तो देवस्थान विभाग ही जांच में ही सामने आएगा। लेकिन यदि इतना आवश्यक था दानपात्र लगाना तो देवस्थान विभाग को सूचना देकर लगवाना चाहिए था। खाटूश्यामजी आने वाले भक्तों को अच्छी सुविधाएं मिले सके इसलिए बोर्ड बनना चाहिए। कुछ लोग अपने फायदे के लिए नियमों को पूरी तरह ताक पर रखना चाहते है, जो गलत है।मोहनदास चौहान, पूर्व अध्यक्ष, श्री श्याम मंदिर कमेटी, खाटूश्यामजी

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