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क्या आज खुद पर हंसी नहीं आती दिल्ली की जनता को?

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आंदोलन से निकलकर अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद तक का सफर तय किया. यह सफर कोई आसान नहीं था. इसके लिए उन्होंने कांग्रेस पर तमाम तरह के आरोप लगाए और दिल्ली की जनता से अनगिनत वादे किए. जो आज न सिर्फ झूठे साबित हो रहे हैं, बल्कि हास्यपद भी.
दिल्ली की शीला दीक्षित सरकार और कांग्रेस के खिलाफ फैलाई गई अफवाहों को सबसे अधिक हवा अगर किसी ने दी और उसमें कामयाबी भी पाई, तो वह अरविंद केजरीवाल ही है. जिस वक्त शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री हुआ करती थी, उस वक्त अरविंद केजरीवाल दिल्ली की जनता को वादों के दम पर ठगने की कोशिशों में लगे हुए थे.
आजकल सोशल मीडिया पर अरविंद केजरीवाल का एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह दिल्ली की जनता को संबोधित कर रहे हैं और कह रहे हैं कि जनता का बजट जनता तय करेगी, विधानसभा में जनता का बजट अब तय नहीं होगा. अब जनता खुद अपना बजट तय करेगी.
अरविंद केजरीवाल की इन बातों को सुनकर सामने से जनता तालियां बजाते हुए भी सुनाई दे रही है. अरविंद केजरीवाल कह रहे हैं कि बहल साहब हैं, उन्होंने इस पर बहुत अध्ययन किया है. वह दुनिया के कई देशों में गए हैं. वह इस पर अध्ययन कर रहे हैं कि किस तरीके से देश के लोगों को सीधे सत्ता दी जा सकती है.
अरविंद केजरीवाल कहते हुए सुनाई और दिखाएं दे रहे हैं कि हम पूरी जिम्मेदारी के साथ कह रहे हैं कि यह हो सकता है. अरविंद केजरीवाल कह रहे हैं कि बहल साहब इसका कानून और ढांचा तैयार कर रहे हैं. हमने इसके लिए कमेटी भी एक बना रखी है. वह कह रहे हैं कि जब यह आंदोलन दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ेगा और विधानसभा में जाएगा, तो 10 दिन के अंदर यह मॉडल दिल्ली में लागू कर दिया जाएगा.
मतलब दिल्ली की जनता से अरविंद केजरीवाल ने वादा किया था कि 10 दिनों के अंदर यह मॉडल लागू कर दिया जाएगा, ताकि दिल्ली का बजट दिल्ली की जनता तैयार करें. तो क्या दिल्ली वाले अपना बजट खुद तैयार कर रहे हैं और उसे ही दिल्ली की केजरीवाल सरकार लागू कर रही है? क्या दिल्ली की जनता ने जो बजट तैयार किया है उसी में केजरीवाल अखबारों में अपने बड़े-बड़े विज्ञापन दे रहे हैं? क्या उसी बजट का पैसा खर्च हो रहा है?
अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली के अंदर बजट सीधे सीधे जनता बनाएगी, विधानसभा में बजट नहीं बनेगा. तो क्या जो अपने प्रचार के लिए अरविंद केजरीवाल बजट खर्च कर रहे हैं, वह भी दिल्ली की जनता ने बनाया है? जनता के हाथ में कंट्रोल है आज की तारीख में और इसकी गारंटी केजरीवाल सरकार ले रही है? कानून दिल्ली की जनता बना रही है?
अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि जो काम हम करने वाले हैं वह कोई और पार्टी नहीं करने वाली है, कोई और पार्टी कर दे तो हमें चुनाव लड़ने की जरूरत ही नहीं. मतलब अरविंद केजरीवाल ने चुनाव लड़ा था इसलिए की जनता खुद अपना बजट तैयार करें. तो क्या आज अरविंद केजरीवाल अपने वादे पर खरे उतरे? अरविंद केजरीवाल जनलोकपाल और स्वराज के कानून को लेकर भी जनता से खूब वादे करते हुए नजर आए थे. लेकिन क्या हुआ उन वादों का क्या आज खुद पर हंसी नहीं आती?
वीडियो

मैं केजरीवाल से पूछना चाहता हूं कि क्या दिल्ली की जनता दिल्ली का बजट तैयार कर रही है?
क्या अभी दस दिन पूरे नहीं हुए हैं ? pic.twitter.com/j61usqLzhV
— जॉर्ज कुरियन (@GeorgekurianINC) November 8, 2021

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