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दीयों की दमक संग आस्था व उल्लास से मनाई दिवाली, आज की गोवर्धन पूजा

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सीकर. दिवाली का पर्व गुरुवार को हर्षोल्लास से मनाया गया। रोशनी से सराबोर शहर आस्था व उल्लास से आप्लावित रहा। दीयों की रोशनी के साथ हर ओर उमंग उमड़ रही थी। आतिशबाजी से आसमान भी अटा रहा। इससे पहले मां लक्ष्मी के इंतजार में घरों से लेकर बाजार तक में दिनभर सजावट व खरीददारी का दौर जारी रहा। शाम होते ही शुभ मुहूर्त में दीयों की जगमगाहट के साथ लक्ष्मीजी का पूजन शुरू हुआ। जिसका दौर रातभर जारी रहा। लक्ष्मी पूजन के लिए बाजार के ज्यादातर प्रतिष्ठान रातभर खुले रहे।
दिनभर रही रौनक, शाम को बाजार रोशनदिवाली की रौनक जिले में सुबह से ही शुरू हो गई। बाजार अल सुबह से ही खुलने शुरू हो गये। जिनमें ग्राहकों की भी भीड़ दिनभर उमड़ती रही। लोगों ने मिठाई से लेकर पूजन की सामग्री व कपड़ों से लेकर वाहनों व इलेक्ट्रॉनिक आइटम की खरीद की। वहीं, व्यापारी भी ग्राहकों की संभाल के साथ प्रतिष्ठानों की साजो- सज्जा में लगे रहे।
सुबह से शुरू हुए शुभकामना संदेश, सोशल मीडिया जरियादिवाली पर बधाइयों व शुभकामनाओं का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो गया। लोगों ने फोन व सोशल मीडिया के जरिये एक दूसरे को दिवाली की शुभकामनाएं देना शुरू कर दिया। पूरी सोशल मीडिया बधाई संदेशों से अट गई। शाम को लक्ष्मी पूजन के बाद रिश्तेदारों व परिचितों के घर पहुंचकर बड़ों का आशिर्वाद लेने का सिलसिला शुरू हुआ।
मां लक्ष्मी को पहनाई 101 फीट की चुनरीदिवाली पर मंदिरों में भी आस्था उमड़ रही है। यहां विशेष पूजा अर्चना का दौर जारी है। श्रीकल्याण मंदिर में चल रहे श्रीमहालक्ष्मी पूजा महोत्सव में आज मां लक्ष्मी को 101 फीट की चुनरी ओढाई गई। शाम को छप्पन भोग की झांकी के साथ महाआरती व श्रीयंत्र वितरण का कार्यक्रम हुआ।
पाबंदी के बावजूद भी बिके पटाखेसरकार की पाबंदी के बावजूद भी दिवाली पर प्रदूषण वाले पटाखे खूब बिके व चले। दुकानदारों ने लुक छिपकर इनका व्यापार किया। जिसकी पोल आकाश में गूंजती आतिशबाजी से खुल गई। इससे प्रशासन की कार्यप्रणाली भी सवालों में घिर गई है। हालांकि पाबंदी के चलते पिछले सालों के मुकाबले आतिशबाजी इस बार काफी कम हुई।
आज अन्नकूट का भोग, कल बंधेगी राखीपांच दिवसीय दीपोत्सव में शुक्रवार को गोवर्धन पूजा के साथ रामा-श्यामा का सिलसिला शुरू हो गया। घर के बाहर गोबर के गोवर्धन बनाकर पूजा अर्चना की गई। घर घर जाकर दिवाली की बधाई का क्रम भी बना हुआ है। घरों व मंदिरों में अन्नकूट का भोग बनाकर भगवान को लगाया जा रहा है। शनिवार को भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा। कायस्थ समाज की ओर से भगवान चित्रगुप्त व दवात-कलम की पूजा की जाएगी।

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