सीकर. दिव्य क्षमता की बात कहते हुए निशक्तों को 2016 में दिव्यांग संबोधन दिए जाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के फैसले को जिले के सरकारी स्कूल के दिव्यांग शारीरिक शिक्षक ने सार्थक साबित कर दिखाया है। लक्ष्मणगढ़ के राउमावि काछवा के एक हाथ विहीन शारीरिक शिक्षक महेश नेहरा ने आठ सदस्यीय दिव्यांग दल के साथ सियाचिन ग्लेशियर पर 15,600 फीट ऊंची कुमार पोस्ट की चढ़ाई कर नया विश्व रेकॉर्ड बनाया है। जिसका जिक्र खुद प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को प्रसारित मन की बात में महेश नेहरा का नाम लेते हुए किया। उन्होंने इसे ऐतिहासिक, अभूतपूर्व व देश के लिए प्रेरक ऑपरेशन बताया।आठ दिन में पूरा किया मिशन, नेत्रहीन को दिया सहारा
सियाचीन मिशन को 15 अगस्त को सामाजिक न्याय मंत्री वीरेन्द्र कुमार ने हरी झंडी दिखाई थी। प्रशिक्षण व स्वास्थ्य परीक्षण के बाद क्लो संस्थान के सौजन्य व पैरा कमांडो फोर्स के सहयोग से नेहरा के आठ सदस्यीय दिव्यांग दल ने 70 किमी की बर्फीली पहाड़ी की यात्रा आठ दिन में पूरी की। जिसमें पांच दिन चढऩे व तीन दिन लौटने में लगे। दल में एक हाथ से निशक्त महेश नेहरा के अलावा चार नेत्रहीन, एक पैर व दो अन्य भी हाथ से निशक्त थे। इनमें से नेहरा एक नेत्रहीन सदस्य लोकचांग के मार्गदर्शक भी रहे।सीढिय़ां लगाकर पार की नदियां, दो बार कम हुई ऑक्सीजन
बकौल नेहरा मिशन रोचक होने के साथ बेहद खतरनाक था। ग्लेशियर पर माइनस 15 डिग्री का तापमान था। बर्फ के पहाड़ों पर बने 100-100 फीट गड्ढों की वजह से बार- बार रास्ता बदलना पड़ रहा था। बीच बीच में तेज बहाव वाली नदियां थी। जिन्हें सीढिय़ां बिछाकर उन पर पत्थर रखते हुए पार करना पड़ा। ऊंचाई पर चढऩे के साथ ऑक्सीजन की कमी भी सताने लगी। चढ़ाई के अंतिम दो दिन तो ऑक्सीजन का स्तर कम होने से उनके सहित कई सदस्यों की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें मेडिकल टीम का सहयोग लेना पड़ा।
मजदूरी करते कटा था हाथ, एशियन गेम्स तक बनाई पहचानमौल्यासी निवासी महेश नेहरा का किशोरावस्था में एक मिल में मजदूरी करते समय मशीन में हाथ आने पर चिकित्सकों को पूरा हाथ काटना पड़ा था। इसके बाद भी निराश नहीं होकर नेहरा ने पढ़ाई के साथ एथेलेटिक्स में रुचि ली और 2010 में चाइना में एशियन गेम्स तक पहुंच बनाई।
पीएम मोदी ने यों की सराहना
सियाचीन के दुर्गम इलाके में आठ दिव्यांग जनों की टीम ने जो कमाल कर दिखाया है वो हर देशवासी के लिए गर्व की बात है। इस टीम ने सियाचिन ग्लेशियर की 15 हजार फीट से भी ज्यादा ऊंची कुमार पोस्ट पर परचम लहराकर विश्व रेकॉर्ड बना दिया। शरीर की चुनौतियों के बाद भी हमारे इन दिव्यांगों ने जो कारनामा कर दिखाया है वो पूरे देश के लिए प्रेरणा है। इस टीम के सदस्यों के बारे में जानेंगे तो आप भी मेरी तरह हिम्मत व हौंसले से भर जाएंगे। इन जांबाज दिव्यांगों के नाम है महेश नेहरा, उतराखंड के अक्षत रावत, महाराष्ट्र के पुष्पक गवांडे, हरियाणा के अजय कुमार, लद्दाख के लोबसंग चोस्पेल, तमिलनाडू के मेजर द्वारकेश, जम्मू कश्मीर के इरफान अहमद मीर व हिमाचल प्रदेश की चोंगजिंग इंग्मो।
दिव्यांग शिक्षक ने एक हाथ से फतह की सियाचिन की 15,600 फीट ऊंची पोस्ट, पीएम मोदी ने की सराहना
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