(khatushyamji fair 2021 started) सीकर/खाटूश्यामजी. खाटूश्यामजती का फाल्गुनी लक्खी मेला बुधवार से शुरू हुआ। कोरोना के खतरे व गाइडलाइन की पाबंदियों की वजह से मेले में पहले दिन श्रद्धालुओं की संख्या पिछले मेलों के मुकाबले कम रही। फिर भी हजारों श्रद्धालुओं ने पैदल व वाहनों से पहुंचकर बाबा श्याम को शीश नवाया। श्रद्धालुओं को मेले में प्रवेश ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन व कोविड रिपोर्ट के आधार पर हाथ में मुहर लगाने के बाद ही दिया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं का उत्साह व बाबा श्याम का श्रृंगार देखने लायक था। सफेद महल से सजे दरबार में गुलाबी पोशाक में श्याम बाबा का देशी- विदेशी फूलों से अनुपम श्रृंगार किया गया था। रजिस्ट्रेशन व कोरोना रिपोर्ट की कमी की वजह से काफी श्रद्धालुओं को बिना श्याम दर्शन के मेले से निराश लौटना पड़ा।
आधी रही भीड़पिछले मेले के मुकाबले आधी रही भीड़ मेले में श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला दिनभर जारी रहा। लेकिन, पिछले लक्खी मेलों के मुकाबले पहले दिन श्रद्धालुओं की भीड़ करीब आधी रही। कोरोना की दूसरी लहर के खतरे व गाइडलाइन के फेर से बचने के लिए श्रद्धालुओं का मेले में पहुंचने का रुझान कम रहा। इसके अलावा मेले की भीड़ व नियमों से बचने के लिए लाखों श्रद्धालु मेले के पहले भी दर्शन कर भी लौट चुके हैं। जिसके कारण भी मेले की रंगत पहले से कुछ फीकी रही।
मुहर से हुआ प्रवेशमेले में चेक प्वाइंट शुरू होने के बाद पंजीयन व कोरोना रिपोर्ट के सत्यापन के बाद श्रद्धालुओं के हाथ पर मुहर लगाकर ही उन्हें आगे बढ़ाया गया। बाबा श्याम के प्रतीक तीन बाण का लोगो व ‘हारे के सहारे की जय’ का जयकारा अंकित मुहर ने श्रद्धालुओं के लिए पास का काम किया।
सूना रहा श्याम कुंडकोरोना गाइडलाइन के अनुसार मेले में श्याम कुंड में स्नान पर भी पाबंदी रही। श्याम कुंड को बंद रखा गया। श्रद्धालुओं नहीं पहुंचने पर कुंड पहली बार मेले में सूना रहा।
मास्क व डिस्टेंसिंग से दूरीमेले में मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग की पालना में भी प्रशासन लापरवाह रहा। हजारों लोग मेले में बिना मास्क व सोशल डिस्टेसिंग से दूरी बनाए दिखे। लेकिन, प्रशासन की टीम कहीं भी लोगों को रोकती- टोकती नजर नहीं आई।
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