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डेंगू जैसे वायरस ने बढ़ाई स्वास्थ्य विभाग की चिंता, 600 टीम कर रही सात लाख घरों का सर्वे

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सीकर. खतरनाक बुखार डेंगू की जांच में प्लेटलेट्स पूरी लेकिन कार्ड टेस्ट पॉजीटिव। सुनने में भले ही अजीब लगे लेकिन पिछले एक सप्ताह से जिला लैब में इस प्रकार के मरीजों की रिपोर्ट सामने आ रही है। जिले में इस बार डेंगू से मिलता जुलता वायरस लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। जिससे अस्पताल के चिकित्सक भी उपचार को लेकर पशोपेश में हैं। चिकित्सकों की माने तो कई मरीजों की रिपोर्ट को देखकर संशय हो रहा है। जिससे मरीज को दोबारा जांच के लिए भेजना पड़ रहा है। जिला लैब में पिछले 7 दिन में 954 लोगों में डेंगू के लक्षण मिले हैं लेकिन रिपोर्ट नेगेटिव है। वहीं जिन मरीजों में डेंगू के लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं उनकी रिपोर्ट पॉजीटिव आ रही है। ऐसे में रिपोर्ट को लेकर भी मरीजों में संशय की स्थिति है। गौरतलब है कि प्रदेश में 4121 और सीकर जिले में डेंगू के 189 मरीज सामने आ चुके हैं।
यूं बदला स्ट्रेनचिकित्सकों ने बताया कि स्वाइन फ्लू की तरह डेंगू का स्ट्रेन बदलने का अंदेशा है। यहां तक की लीवर मेंं सूजन और लगातार प्लेटलेट्स गिरने पर मरीज की जांच रिपोर्ट नेगेटिव मिल रही है। लैब में पिछले सात दिन 23 फीसदी ही पॉजिटिव पाए गए। इधर इन मरीजों में प्लेटलेट्स एक लाख से पौने तीन लाख के बीच आई है। जबकि प्रांरभिक तौर पर प्लेटलेट्स का गिरना ही डेंगू का लक्षण हो सकता। यह भी संभव है कि कोई दूसरा वायरस हो।
नांगल में पहला डेंगू रोगीनांगल में डेंगू बुखार का एक मामला सामने आया है। ग्राम की सुनीता चौधरी 23 साल पुत्री जगदीश प्रसाद की जांच में डेंगू की पुष्टि हुई है। जगदीश प्रसाद ने बताया कि उनकी बेटी को तीन दिन से बुखार आ रहा था,उसको इलाज के लिए चौमू के एक निजी अस्पताल में पुष्टि हुई। वहीं नांगल में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में कार्यरत डॉ. सोफिया गोदारा ने बताया कि अभी डेंगू का कोई मरीज मेरी जानकारी में नही आया है। एएनएम व आशा को भी विशेष हिदायत दे रखी है कि वे मौसमी वायरल बुखार के रोगियों की भी पूरी जानकारी रखें ,और जिस डेंगू रोगी की जानकारी मिली है वे मेरे पास अस्पताल में नही आये है वे सीधे ही किसी निजी अस्पताल में गए हैं।
आयरन लगाता है रोग पर ब्रेकहाल में अमेरिका में हुए शोध के अनुसार खून में आयरन की कमी वाले लोगों में डेंगू का खतरा अधिक होता है। बीमारी के दौरान लोह तत्व का सेवन करने वाले रोगी में इसके प्रसार को रोका जा सकता है। इसके अलावा पहले डेंगू के रोगी के शरीर पर रेशेज नजर आते थे लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा है। जिससे अधिकांश चिकित्सक डेंगू लाइक इलनेस के आधार पर उपचार करते हैं।[MORE_ADVERTISE1]

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