सीकर/धोद. राजस्थान के सीकर जिले के धोद कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शुक्रवार सुबह एक नवजात की मौत पर ग्रामीणोंं ने हंगामा कर दिया। उनका आरोप था कि चिकित्सको की लापरवाही की वजह से नवजात की मौत हुई है। अस्पताल के बाहर धरना देकर उन्होंने दोषी चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शन काफी देर तक चला। जो बाद में नायब तहसीलदार रजनी यादव के आश्वासन पर शांत हुआ।
तीन दिन पहले हुआ था प्रसवजानकारी के अनुसार धोद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गांव की सरोज मेघवाल को प्रसव पीड़ा होने पर तीन दिन पहले भर्ती करवाया गया था। यहां उसने एक बच्ची को जन्म दिया था। जिसकी शुक्रवार सुबह मौत हो गई। सरोज के पति नोरंग लाल मेघवाल का कहना था कि नवजात दो दिन तक बिल्कुल स्वस्थ थी। लेकिन, गुरुवार रात को उसकी तबीयत बिगडऩे लगी। जिसके बारे में चिकित्सकों से बार बार बताने पर भी उन्होंने नवजात का उपचार नहीं किया। जिसकी वजह सेशुक्रवार सुबह मासूम की मौत हो गई। इसी बात से गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग शुरू कर दी। जिसके समर्थन में गांव के ओर भी लोग अस्पताल पहुंच गए। जिन्होंने भी धरना देकर चिकित्साकर्मियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
जांच के आश्वासन पर शांत हुआ विवादसामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हंगामे की सूचना पर धोद पुलिस मौके पर पहुंची और प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की। पर वे नहीं माने। प्रदर्शनकारी चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर ही अड़े रहे। बाद में सूचना पर तहसीलदार रजनी यादव भी मौके पर पहुंची और पुलिस अधिकारियों के साथ घटना की निष्पक्ष जांच का आश्वासन देकर मामला शांत करवाया।
इनका कहना है:सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नवजात की मौत पर परिजनों के विरोध की जानकारी मिली थी। मौके पर पहुंचे तो ग्रामीणों ने मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की। जो स्वीकार कर जांच शुरू करवा दी गई है।रजनी यादव, नायब तहसीलदार, धोद, सीकर
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