सीकर. कोरोना की दूसरी लहर ने गांव-ढाणियों में कोरोना संक्रमण कम फैलने के मिथक को भी पूरी तरह तोड़ दिया है। आंकड़ों के अनुसार दूसरी लहर में शहर के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण की रफ्तार ज्यादा गति में है। एक्टिव केस में भी ग्रामीण क्षेत्र शहर से आगे निकल गया है। सीकर जिले में शुक्रवार तक शहरी क्षेत्रों में जहां 1191 ही एक्टिव केस थे। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों मेंं यह आंकड़ा 1649 पहुंच गया। जो गांवों में हालात की गंभीरता को बयां कर रहा है। इसके अलावा लापरवाही भी गांवों में ही ज्यादा दिख रही है। मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की गांवों में ही सबसे ज्यादा धज्जियां उड़ रही है। जिसे जल्द काबू नहीं किया गया तो मई तक हालात पूरी तरह बेकाबू हो सकते हैं।
आंकड़े बता रहे सच
शहरी क्षेत्र: 1191
ग्रामीण क्षेत्र: 1649
किस ब्लॉक में कितने
ब्लॉक शहरी ग्रामीणनीमकथाना 68 292
खंडेला 23 119पिपराली 0 252
कूदन 0 245दांतारामगढ़ 98 273
फतेहपुर 65 128श्रीमाधोपुर 80 230
चिंता में शासन प्रशासन ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार बढ़ते आंकड़े को लेकर खुद राज्य सरकार व जिला प्रशासन भी बेहद चिन्तित है। जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों में सख्ती बढ़ाने की कवायद शुरू कर दी गई है।
उपचार में लापरवाही से बढ़ी मौतदूसरी लहर में शहरी क्षेत्र के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में मौत का आंकड़ा भी बढ़ा है। दूसरी लहर में दस से अधिक मौत हो चुकी है। एक्सपर्ट का कहना है कि कई बार ग्रामीणों में लक्षण आने के बाद भी सही समय पर उपचार व सैम्पल के लिए नहीं पहुंच रहे हैं। कई मामलों में सामने आ रहा है तीन से चार दिन की देरी पर कोरोना काफी नुकसान कर चुका होता है।
शहरों से ज्यादा गांवों में खतरनाक संक्रमण, अब बिगड़े तो नहीं संभलेंगे हालात
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