सीकर. राजस्थान के सीकर जिले में कोरोना ने एक परिवार को जिंदगीभर का सदमा दे दिया। यहां फतेहपुर में एक सप्ताह में ही कोरोना ने दो सगे जवान भाइयों को लील लिया। जिनमें से एक की उम्र 30 व दूसरे भाई की उम्र महज 22 वर्ष थी। घटना के बाद से मृतकों के मां- बाप सदमे में बदहवास है। सन्नाटे से घिरे मोहल्ले में घर से रह रहकर उठती चीत्कारों की गूंज से हर कोई सन्न है।
पहले बड़े, फिर छोटे भाई ने तोड़ा दममृतक फतेहपुर कस्बे में रेलवे स्टेशन के पास रहने वाले मनोज सैनी व अशोक है। इनमें पहले ईमित्र केंद्र संचालक 30 वर्षीय मनोज को कोरोना ने अपना शिकार बनाया। तबीयत बिगडऩे पर उसे जोधपुर के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां छोटे भाई अशोक की पत्नी नर्स के रूप में कार्यरत है। लेकिन, मनोज की हालत में सुधार नहीं हुआ और आखिरकार 15 मई को उसकी उपचार के दौरान ही मौत हो गई। मनोज की चिता की आग ठंडी भी नहीं हुई कि छोटा भाई अशोक भी कोरोना की चपेट में आ गया। जिसे भी पत्नी के पास जोधपुर एम्स में ही भर्ती कराया गया। लेकिन, 22 मई को वह भी कोरोना की जंग हारकर परिवार को जिंदगीभर का गम दे गया।
पांच व ढाई साल का बेटादोनों भाई एक- एक बेटे के पिता थे। मनोज के एक पांच साल का बेटा है। जबकि अशोक के ढाई साल का बेटा है। अशोक भी खोटिया गांव में मेल नर्स के पद पर कार्यरत था। जोधपुर एम्स में कार्यरत पत्नी नर्स गर्भवती भी है।
लॉकडाउन से पहले लौटे माता-पितामनोज व अशोक के पिता बंशीधर सैनी विदेश में नौकरी करते हैं। पत्नी व अशोक के बेटे के साथ वह लॉकडाउन से पहले तक विदेश में ही थे। लेकिन, लॉकडाउन से पहले तीनों गांव आ गए थे। बेटों के गम में दोनों माता पिता व बहुओं का हाल बेहाल है।
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