सीकर. कोरोना की दूसरी लहर की वजह से गांवों की सरकार का कामकाज भी प्रदेशभर में बेपटरी हो गया है। प्रदेश की 100 से अधिक ग्राम पंचायतों की साधारण सभा की बैठक कोरोना की वजह से गाइडलाइन में उलझ गई है। जिन पंचायत समितियों की 14 अप्रेल के बाद प्रस्तावित थी। इन क्षेत्रों के विकास अधिकारी लगातार बैठक स्थगित करने के आदेश जारी कर रहे हैं। इससे गांवों की सरकार के वार्षिक प्लान में दिक्कत आने की पूरी संभावना है। अकेले सीकर जिले में तीन पंचायत समितियों की बैठक नहीं हो सकी है। प्रदेश में झुंझुनूं सहित कई जिलों में तो जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक भी नहीं हुई है। ऐसे में वहां तो वार्षिक प्लान का अनुमोदन भी नहीं हो सका है।जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव भी अटकेपंचायत समितियों व जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक में पंचायतीराज विभाग के जनप्रतिनिधियों से भी प्रस्ताव लिए जाते हैं। लेकिन कोरोना की वजह से बैठक नहीं होने के कारण जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव भी अटके हुए हैं। हालांकि कई जनप्रतिनिधियों की ओर से ई-मेल व डाक के जरिए भी जिला परिषद व पंचायत समितियों को प्रस्ताव भिजवाए जा रहे हैं।वर्चुअल हो बैठकजिला परिषद के वार्ड सात की सदस्य सरोज झीगर का कहना है कि कोरोना की वजह से स्थिति बदली है। ऐसे में पंचायतीराज विभाग को वर्चुअल तरीके से बैठक कराने की कवायद करनी चाहिए। लगातार सामने भी आ रहा है कि दूसरी लहर में ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के संक्रमित भी मिल रहे हैं। वर्चुअल संवाद के जरिए ग्रामीणों की विभिन्न समस्याओं का समाधान भी किया जा सकता है।1300 गांव-ढाणियों को इंतजारप्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल समस्या भी लगातार बढ़ रही है। ऐसे में 1300 से अधिक गांव-ढाणियों के लोगों को गांवों की सरकार के जरिए बैठकों में राहत मिलने की उम्मीद थी। लेकिन बैठक नहीं होने से ग्रामीणों के पेयजल सहित अन्य समस्याओं के मुद्दे भी सिर्फ ग्राम पंचायतों तक सीमित रह गए है।
- Advertisement -