सीकर. सरकारी विभागों में होने वाली भर्तियों में पहले ईडब्लूएस आरक्षण के नए प्रावधानों से पेंच फंस गया। अब कोरोना की दूसरी लहर की वजह से जारी कर्फ्यू ने बेरोजगारों की उम्मीदों को बेपटरी कर दिया है। सरकार ने पिछले दिनों ईडब्लूएस आरक्षण की वजह से रीट व कॉलेज व्याख्याता भर्ती परीक्षा स्थगित कर दी। यदि कोरोना की दूसरी लहर और लंबी चली तो इन परीक्षाओं का शैड्यूल बिगडऩे की आंशका है। इसके अलावा अन्य भर्ती परीक्षाओं की विज्ञप्ति जारी करने का गणित भी बिगड़ गया है। अटकी भर्तियों की वजह से प्रदेश के 25 लाख से अधिक बेरोजगारों को नौकरी का इंतजार है। दूसरी तरफ सरकार ने पिछले दिनों समय पर विभिन्न विभागों की परीक्षा कराने के लिए एक कमेटी गठित की थी। लेकिन बेरोजगारों की कमेटी गठन से तो राहत की आस जगी थी। लेकिन बदली स्थितियों में रोजगार के नए अवसरों पर ग्रहण लगता हुआ नजर आ रहा है।इन विभागों में भर्तियों का इंतजार
फिलहाल प्रदेश के युवाओं को छात्रावास अधीक्षक, ग्रामसेवक, एलडीसी, द्वितीय श्रेणी, प्रथम श्रेणी व्याख्याता व कम्प्यूटर भर्ती का इंतजार है। इनमें से कई विभागों की भर्ती की अभ्यर्थना तैयार हो गई थी। लेकिन अब कोरोना की वजह से इन भर्तियों का इंतजार लगातार बढ़ता जा रहा है।
पटवार भर्ती का दो साल से इंतजारपटवार भर्ती का प्रदेश के युवाओं को दो साल से इंतजार है। पटवार भर्ती की कोरोनाकाल में तिथि भी घोषित कर दी गई। लेकिन आखिरी समय पर परीक्षा स्थगित कर दी गई। पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने ईडब्लूएस श्रेणी में आयु सीमा की भी छूट देने की घोषणा कर दी। ऐसे में अब पटवार भर्ती में भी नए सिरे से आवेदन मांगने की तैयारी की जाएगी। ऐसे में इस भर्ती में आवेदनों की संख्या 13 लाख तक पहुंचने की संभावना है।
कोरोनाकाल में सिर्फ पुलिस भर्ती हुई
कोरोनाकाल में प्रदेश में पुलिस कांस्टेबल की भर्ती हो सकी। कई विवादों के बाद इसका परिणाम भी जारी हो गया। अब युवाओं की ओर से दुबारा एसआई व कांस्टेबल की भर्ती निकालने की भी मांग की जा रही है।
सीएचओ भर्ती का अटका परिणामप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के बाद भी चिकित्सा विभाग सीएचओ के पदों पर चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दे पा रहा है। अभ्यर्थियों की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा को कई बार समस्या बता चुके हैं। लेकिन परिणाम अभी जांच के मामले में अटका हुआ है।
इधर, संविदाकर्मियों की आस भी अटकी
संविदाकर्मियों को नियमित करने सहित अन्य मामलों को लेकर इस महीने मंत्रीमण्डलीय उप समिति की बैठक प्रस्तावित थी। लेकिन कोरोना की वजह से यह बैठक भी स्थगित होने की आंशका है। इस समिति के निर्णय का प्रदेश के 1.50 लाख से अधिक संविदाकर्मियों को इंतजार है।
- Advertisement -
- Advertisement -
- Advertisement -