नागरिकता संशोधन विधेयक को संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिल गई है. इसके बाद विधेयक पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जाएगा. लेकिन उससे पहले इस बिल को कोर्ट में चैलेंज करने की तैयारी हो रही है.
लोकसभा के बाद बुधवार को राज्यसभा में भी नागरिकता संशोधन बिल पास हो गया. राज्यसभा में लंबी चर्चा के बाद वोटिंग से यह बिल पास हुआ. वोटिंग के दौरान बिल के पक्ष में 125 और उसके विरोध में सिर्फ 99 मत पड़े. जिसके बाद राज्यसभा में यह बिल पास हो गया.
संसद के दोनों सदनों में नागरिकता संशोधन विधेयक पास हो जाने के बाद भी कांग्रेस हार मानने वाली नहीं है.
संसद में बिल का भारी विरोध करने के बाद अब कांग्रेस इस बिल को कोर्ट में ले जाने की तैयारी कर रही है. कांग्रेस नेता और राज्यसभा में बिल का मुखर विरोध करने वाले सांसद कपिल सिब्बल से जब यह पूछा गया कि क्या वे बिल को कोर्ट में चैलेंज करेंगे तो उन्होंने कहा कि ‘देखेंगे’. वहीं कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने आजतक से हुई बातचीत में कहा कि हम नागरिक संशोधन बिल को अदालत में सभी संभावनाओं में चुनौती देंगे.
देश के पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने भी इस बात की तस्दीक की है कि कांग्रेस इस बिल को कोर्ट में चैलेंज करेगी. चिदंबरम ने कहा था कि यह बिल कानून के सामने टिकेगा नहीं.
कानून के जानकार कह रहे है कि विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उलंघन करता है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि देश में किसी भी नागरिक के साथ धर्म और जातपात के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा और प्रत्येक नागरिक के साथ समान व्यवहार किया जाएगा. कुछ लोग यह भी कह रहे है कि इस बिल का पूरा मसौदा धार्मिक भेदभाव और पूर्वाग्रह के आधार पर तैयार किया गया है.
आपको बताते चले कि नागरिकता संशोधन बिल राज्यसभा से भी पास हो गया है, सोनिया गांधी ने इस बिल के पास होने पर इसे इतिहास का काला दिन बताया है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राज्यसभा से नागरिकता संशोधन विधेयक के पारित होने को भारत के संवैधानिक इतिहास का ‘काला दिन’ करार देते हुए बुधवार को कहा कि यह उस भारत की सोच को चुनौती है जिसके लिए राष्ट्र निर्माता लड़े थे.
आपको यह भी बता दे कि वोटिंग के दौरान विधेयक के पक्ष में 125 और विरोध में 105 वोट पड़े, जबकि शिवसेना ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया.
बीजेपी के 83 सदस्यों के अलावा नवीन पटनायक की बीजू जनता दल (बीजेडी) के 7, शिरोमणि अकाली दल के 3, एआईएडीएमके के 11, जेडीयू के 6 और एलजेपी के एक सदस्य को अलावा 4 नामित सदस्यों के साथ ही सिक्किम के अलावा कांग्रेस को छोड़कर उत्तर पूर्व के सभी सांसदों ने बिल के समर्थन में वोट दिया.
वहीं बिल के खिलाफ कांग्रेस के 46 और तृणमूल कांग्रेस के 13 सांसदों के अलावा समाजवादी पार्टी के 9, बीएसपी के 4, वामदलों और टीआरएस के 6-6, आम आदमी पार्टी के 3 और आरजेडी के 4 सांसदों के अलावा 9 अन्य सदस्यों ने वोट दिया.
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