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जनता की आवाज कांग्रेस उठा रही है. भाजपा के साथ क्षेत्रीय पार्टियां क्यों परेशान है? आइए जानते हैं क्यों

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश की प्रभारी हैं. लगातार उत्तर प्रदेश में सक्रिय हैं. उत्तर प्रदेश में लगातार प्रियंका गांधी जनता के मुद्दों को उठा रही है.जनता की समस्याओं को उठा रही है, जनता की तकलीफों पर बात कर रही हैं.

प्रियंका गांधी ने जिन जिन मुद्दों को उठाया है उस पर भाजपा की योगी सरकार ने घुटने टेके है उत्तर प्रदेश में. चाहे सोनभद्र का नरसंहार हो, चाहे उत्तर प्रदेश में पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतें हो, चाहे उत्तर प्रदेश में हो रही लगातार हत्याएं एवं बलात्कार हो, चाहे नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में हुई गिरफ्तारी हो.

कांग्रेस उत्तर प्रदेश में लगभग 35 साल से नहीं है. उत्तर प्रदेश हर संसाधन होने के बावजूद रोजगार के मामले में काफी पिछड़ा हुआ है. प्रियंका गांधी के सहारे कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में वापसी की योजना बना रही है और लगातार जनता के संपर्क में है. कांग्रेस के नेता जनता को साथ लेकर लगातार जनता विरोधी नीतियों के विरुद्ध सरकार के खिलाफ कांग्रेस हल्ला बोल रहे है.

कांग्रेस की उत्तर प्रदेश में बढ़ती सक्रियता से भाजपा के तो पसीने छूट ही चुके हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी की मुखिया मायावती की भी हालत खराब है. मायावती को कांग्रेस और प्रियंका गांधी की बढ़ती सक्रियता से वोट बैंक खिसकने का डर सता रहा है.

मायावती लगातार प्रियंका गांधी और कांग्रेस के विरोध में बयान बाजी कर रही है. मायावती ने ताजा बयान दिया है कि, प्रियंका गांधी राजस्थान के कोटा में क्यों नहीं जाती हैं, वहां के बच्चों के पीड़ित परिवारों से मिलने? मायावती को पता होना चाहिए कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है और बच्चों की मौत क्यों हुई कैसे हुई और उनके परिवारों से मिलने की जिम्मेदारी कांग्रेस के आलाकमान ने नेताओं को पहले ही दे रखी है और वह उस पर रिपोर्ट भी तैयार कर रहे हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि प्रियंका गांधी को भेजने की जगह मायावती खुद क्यों नहीं जाती? क्या मायावती को बच्चों की मौत का दुख नहीं है ? मायावती खुद ना जाकर प्रियंका गांधी को नसीहत दे रही है इससे ही साफ पता चलता है कि प्रियंका गांधी की उत्तर प्रदेश में बढ़ती सक्रियता से मायावती को डर सता रहा है.

मायावती ने इससे पहले भी बयान दिया था कि कांग्रेस ने दलितों की अनदेखी की थी इसके कारण बीएसपी बनानी पड़ी. तो क्या मायावती यह कहना चाहती हैं कि अगर एक परिवार में पिता बड़े बच्चे पर छोटे बच्चे पर ध्यान देता है समय समय पर तो बच्चे अपना बाप बदल लेंगे?

सच्चाई तो यही है कि मायावती एक जाति विशेष के नाम पर हमेशा वोट लेती रही है, लेकिन जाति विशेष की समस्याओं को सुलझाने के लिए विपक्ष में रहते हुए कभी सड़क पर उतरकर सत्ता के विरुद्ध संघर्ष नहीं किया है. सत्ता के खिलाफ मायावती ने सड़क पर उतर कर कभी लड़ाई नहीं लड़ी है. मायावती ने हमेशा बाबा साहब अंबेडकर के नाम पर जनता को मूर्ख बनाने का काम किया है.

यही हाल समाजवादी पार्टी के कुछ नेताओं का है, हालांकि समाजवादी पार्टी के मौजूदा मुखिया अखिलेश यादव ने अभी तक कांग्रेस के खिलाफ ज्यादा कुछ नहीं कहा है. वह भी भाजपा के खिलाफ सड़क पर उतर कर कुछ जगहों पर लड़ाई लड़ते हुए नजर आए हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी के कुछ नेता लगातार कांग्रेस के खिलाफ बयान बाजी कर रहे हैं, समाजवादी पार्टी के कुछ नेताओं को अपनी जमीन फिसलती ही दिख रही है.

उत्तर प्रदेश की जनता को समझना होगा कि कांग्रेस लंबे समय से उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर है जिसका खामियाजा उत्तर प्रदेश की जनता को और उत्तर प्रदेश को भुगतने को मिला है. उत्तर प्रदेश बेरोजगारी में शीर्ष पर बना हुआ है, पिछड़ेपन में शीर्ष पर बना हुआ है, उत्तर प्रदेश में जो भी पार्टियां लंबे समय से सत्ता में रही है उन्होंने प्रदेश को और प्रदेश की जनता को लूटने का काम किया है. मायावती भी उत्तर प्रदेश की लंबे समय तक मुख्यमंत्री रही, मुलायम सिंह यादव भी लंबे समय तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, अखिलेश यादव भी 5 साल तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, लेकिन कभी इन तीनों लोगों ने उत्तर प्रदेश में बाहरी निवेश आए इसके लिए कोई काम नहीं किया.

उत्तर प्रदेश में बाहरी निवेश आया ही नहीं, उत्तर प्रदेश में प्राइवेट सेक्टर में लोगों को रोजगार मिले इसके लिए कभी उत्तर प्रदेश में मौजूदा सरकार हो या फिर पिछली सरकारें हो कभी काम नहीं किया.जिसका खामियाजा उत्तर प्रदेश की जनता को उठाना पड़ा. प्रदेश की जनता को समझना होगा कि अगर उत्तर प्रदेश की जनता को प्रदेश के अंदर ही रोजगार चाहिए तो कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में लाना होगा. उत्तर प्रदेश को अपराध और भयमुक्त बनाना है तो कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में लाना होगा. लंबे समय से उत्तर प्रदेश की जनता अलग-अलग पार्टियों को आजमाती रही है, उत्तर प्रदेश की जनता को एक बार फिर से कांग्रेस को आजमाना होगा.

जिस समय क्षेत्रीय पार्टियों को भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति को रोकने के लिए कांग्रेस का साथ देना चाहिए उस समय क्षेत्रीय पार्टियां उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की भाजपा के खिलाफ लड़ाई के बीच में बाधा पैदा कर रही है.

जाति धर्म के नाम पर समाज में जहर फैलाकर जो अपनी सत्ता बचाने की रणनीति बनाए हुए हैं उनको जनता द्वारा सबक सिखाना होगा. जो भी पार्टी जाति धर्म के नाम पर समाज में जहर फैला रही है जनता को उन्हें विदा करना होगा.

Thought of Nation राष्ट्र के विचार
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