कोटा. माला रोड पर रेलवे लाइन के सहारे बसी कई कॉलोनियां व रेलवे के सेन्ट्रल टीआरडी डिपो में भरा बरसात का पान अब तक नहीं निकल सका है। प्रभावित इलाका करीब एक किमी का है। यहां 10 दिनों से पानी लगातार पम्प की मदद से पानी की निकासी की जा रही है। इसके बाद भी यहां डेढ़ से दो फीट तक पानी अब तक भरा है। रेलवे पटरी के किनारे कॉलोनियों के 150 से 200 मकानों में इसके चलते सीलन आ गई है।
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नाला नहीं होने से बढ़ी समस्यामाला रोड स्थित जनकपुरी से जैन मार्शल सोसायटी तक पटरी के सहारे बने मकानों के पीछे दो से ढाई फीट पानी है। जनकपुरी सोसायटी के अध्यक्ष राकेश दीक्षित ने बताया कि १३ अगस्त से पूरी कॉलोनी में पानी भरा है। इसी रोड पर सेंटपॉल स्कूल व मदर टैरेसा होम भी जलमग्न हो गया था। स्कूल परिसर व खेल ग्राउण्ड में तो अब तक पानी है। सोसायटी के उपाध्यक्ष पंकज सक्सेना ने बताया कि यह सारा पानी रेलवे का आ रहा है। सोसायटी की ओर से डीआरएम को ज्ञापन देकर कोटा रेलवे लाइन के पास नाला बनवाने की मांग की है।
बीमारियों की आशंका
मकानों के पीछे भरे पानी में लार्वा पनपने लगा है। रुका हुआ पानी अब सडऩे लगा है। इससे इलाके में बीमारियां फैलने की आशंका हो गई है। पानी भरा होने से जहरीले जीव-जंतुओं का खतरा भी बढ़ गया।
टीआरडी डिपो अभी भी जलमग्नमाला रोड स्थित रेलवे का सेन्ट्रल टीआरडी डिपो परिसर अभी भी पानी से लबालब भरा है। यहां तीन पम्प लगाकर दस दिनों से लगातार 24 घंटे पानी की निकासी के बावजूद अभी भी डिपो में पानी भरा है। पम्प लगाकर पानी की निकासी कर रहे मजदूर ने बताया कि पैनल में फॉल्ट होने से दो पम्प शुक्रवार को बंद हो गए। अब केवल एक पम्प चलाकर पानी को सेना परिसर की दीवार के सहारे बने नाले में बहाया जा रहा है।
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