सीकर. करवा चौथ का पर्व रविवार को मनाया जाएगा। त्योहार को लेकर बाजार में रौनक नजर आने लगी है। खरीददारी से बाजार पूरी तरह गुलजार रहने लगा है। अखंड सौभाग्य की कामना के पर्व को लेकर महिलाओं में भी खासा उत्साह है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निराहार व्रत कर रात्रि में चंद्रमा को अध्र्य देकर व्रत खोलेगी। इस दिन करवा की पूजा कर चीनी व मिट्टी के करवे का वितरण किए जाने का विधान है। करवा चौथ सुहागन स्त्रियों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन सुहागिनें पति की दीर्घायु व सुखी वैवाहिक जीनव की कामना के लिए निर्जला उपवास रखती हैं। हर सुहागिन स्त्री के लिए इस दिन का बेसब्री से इंतजार होता है। पंडित दिनेश मिश्रा के अनुसार प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवाचौथ का व्रत किया जाता है। इस दिन महिलाएं रात्रि में चंद्रमा को अघ्र्य देने के पश्चात व्रत का पारण करती हैं। इस बार करवाचौथ का व्रत बेहद खास होने वाला है क्योंकि इस वर्ष करवा चौथ पर शुभ संयोग बन रहा है।
विशेष योग में होगा चंद्र दर्शनइस बार करवा चौथ पर विशेष शुभ संयोग बनने के कारण इसका महत्व और भी अधिक बढ़ गया है। पंडित मिश्र के अनुसार इस बार करवा चौथ पर चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में उदित होगा। जो चंद्रमा का प्रिय नक्षत्र होने के साथ धार्मिक दृष्टि से बेहद ही शुभ माना जाता है। इस नक्षत्र के स्वामी चंद्रमा है, इसलिए माना जाता है कि इस नक्षत्र में चंद्रमा दर्शन करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस चतुर्थी की तिथि को संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है। संकष्टी चतुर्थी का पर्व गणेश जी को समर्पित है। इस दिन गणेश भगवना की भी विशेष रूप से पूजा की जाती है। करवाचौथ के दिन रात 11 बजकर 35 मिनट तक वरीयान योग रहेगा। यह योग मंगलदायक कार्यों में सफलता प्रदान करता है। वहीं देर रात 1 बजकर 2 मिनट तक रोहिणी नक्षत्र रहेगा। करवा चौथ को चंद्रोदय रात्रि करीब 8:20 पर होगा।
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