सीकर. शक्ति की उपासना का महापर्व चैत्र नवरात्र मंगलवार से शुरू हो गए हैं। भयावह होते कोरोना संक्रमण के बीच माता की आराधना घर में ही रहकर करनी होगी। संक्रमण के कारण क्षेत्र के बड़े शक्ति पीठों में शामिल जीणमाता का लक्खी मेला इस बार नहीं भरेगा। वहां पर श्रद्धालुओं के लिए माता के दर्शन भी बंद कर दिए गए हैं। क्षेत्र के दूसरे दुर्गा मंदिरों में अभी पाबंदी नहीं लगाई गई है, लेकिन कोरोना रूपी संकट से यहां भी बचना होगा। शास्त्रों में देश, काल और परिस्थिति के अनुसार ही कार्य करने का विधान है। ऐसे में वर्तमान परिस्थिति में घर में रहकर साधना करना ही श्रेष्ठ है। चैत्र नवरात्र मंगलवार को भौमास्विनी योग में शुरू होंगे। सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग भी रहेगा।
घट स्थापना का शुभ मुहूर्तचैत्र शुक्ला प्रतिपदा मंगलवार को सूर्योदय सुबह 6 बजकर 9 मिनट पर हुआ। द्विस्वभाव मिथुन लग्न प्रात: 9:46 से दोपहर 12:00 बजे तक एवं अभिजीत समय दोपहर 12:02 से 12:52 तक रहेगा। इसके अलावा चौघडिय़ा के हिसाब से घट स्थापना करने का समय सुबह 9:18 से दोपहर 2:02 तक रहेगा। सूर्योदय के समय घटस्थापना का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त 6:09 बजे 6:12 तक द्विस्वभाव मीन लग्न में रहेगा। इस समय में माता की ज्योत स्तुति और आरती कर मंगल की कामना करनी चाहिए। पंडित दिनेश मिश्रा ने बताया कि नवरात्र में दुर्गा सप्तशती, नवाह्न पारायण रामायण, हनुमान चालीसा, सुंदरकांड के पाठ करने चाहिए और माता के मंत्रों का जाप करना अभीष्ट फलदाई रहता है।
पुलिस पहरे में जीणमाता के रास्तेजीणमाता। कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के बीच प्रसिद्ध जीणमाता चैत्र मेला लगातार दूसरी बार भी नही भरेगा। दांतारामगढ़ उपखण्ड अधिकारी अशोक रणवां ने बताया कि कोराना की विकट स्थिति के कारण जिला प्रशासन व मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों में बनी सहमति अनुसार जीणमाता मंदिर में मंंगलवार से दर्शन बंद कर दिए जाएंगे। इस बार भी चैत्र मेला नही भेरेगा। इस दौरान जीणमाता पहुंचने वाले सभी प्रमुख रास्तों को बंद करके दर्शनार्थियों का जीणमाता क्षेत्र में प्रवेश निषेद्ध किया गया है। मेला श्रेत्र में प्रसाद व अन्य किसी प्रकार की दुकान खोलने की भी अनुमति नही होगी। पुलिस उपाधीक्षक ग्रामीण राजेश आर्य ने बताया कि जीणमाता क्षेत्र में कानून व्यवस्था व सुरक्षा के लिए पुलिस के करीब 75 जवान तैनात किए गए हैं। जीणमाता पहुंचने मुख्य मार्ग गोरिया में ही पुलिस नाका स्थापित कर दर्शनार्थियों को जीणमाता की तरफ जाने से रोका जायेगा। जीणमाता में भी सभी मुख्य रास्तों को बंद करवा कर जीणमाता में भीड़ जमा नही हो इसे सुनिश्चित किया जाएगा। इसके लिए जगह-जगह सादा वर्दीधारी पुलिसकर्मी भी गश्त पर रहेगें। मंदिर ट्रस्ट के नंदकिशोर ने बताया कि मुख्य मंदिर नवरात्री के दौरान बंद रहेगा तथा जीणमाता के सिंहद्वार से आगे किसी को भी प्रवेश नही मिलेगा। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष भी लॉक डाउन के चलते चैत्र मेला नही भरा, उसके बाद शारदीय नवरात्री मेला भी नही लगा और अब लगातार तीसरा मेला भी नही भरेगा।
नव संवत्सर: नहीं होंगे कोई आयोजननवसंवत्सर पर होने वाले आयोजन भी इस बार कोरोना की भेंट चढ़ गए हैं। छोटे स्तर पर पताकाएं लगाकर नव संवत्सर की बधाई जाएगी। कोई भी सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं होगा।
शाकम्भरी दरबार के भी पट रहेंगे बंद
शाकंभरी माता मंदिर में नवरात्रा पर श्रद्धालुओं के दर्शन नहीं हो पाएंगे। मंदिर प्रबंधन के अनुसार पट बंद रखे जाएंगे। सुबह-शाम की आरती व पूजा अर्चना की जाएगी। बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए पिछले दिनों जिला प्रशासान के साथ हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया था।
चैत्र नवरात्र आज से: शक्ति पीठों के बंद रहेंगे पट, घर घर में होगी घट स्थापना
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