किसान कर्जमाफी को लेकर बीजेपी अभी फ्रंट-फुट पर बैटिंग कर रही थी. सीएम से लेकर मंत्री तक अपनी चुनावी सभाओं में यह जिक्र करते थे कि कमलनाथ ने वादा कर किसानों का कर्जा माफ नहीं किया है.
उपचुनाव में जनता के बीच बीजेपी इसी मुद्दे को लेकर जा रही थी. लेकिन सरकार के एक कबूलनामे में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी है. सरकार अब इस कबूलनामे का ठीकरा अधिकारियों पर फोड़ रही है. वहीं, सत्ता में वापसी की उम्मीद लिए बैठे कांग्रेस को इस सच से संजीवनी बूटी मिल गई है.
उपचुनाव से पहले शिवराज सरकार असहज हो गई है. बीजेपी यह आरोप लगाती रही है कि एमपी में किसान कर्जमाफी सिर्फ फाइलों में हुई है. लेकिन विधानसभा एकदिवसीय सत्र के दौरान सरकार ने यह स्वीकार किया है कि कमलनाथ की सरकार में कर्जमाफी हुई थी. सरकार ने विधानसभा में लिखित उत्तर में स्वीकार किया है कि अब तक किसान कर्जमाफी के 20 लाख 23 हजार 136 प्रकरणों में 7108 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया है.
कृषि मंत्री कमल पटेल ने सदन में कहा है कि 26.95 लाख किसानों का 1 लाख रुपये तक का कर्ज माफ हुआ है. किसान कर्जमाफी के मुद्दे को कांग्रेस सही तरीके भुना नहीं पा रही थी. सरकार के सदन में कबूलनामे के बाद उपचुनाव में पार्टी को संजीवनी मिल गई. दिल्ली से लेकर भोपाल तक के नेता एक्टिव हो गए. सभी लोग ज्योतिरादित्य सिंधिया और शिवराज सिंह चौहान से कर्जमाफी के मुद्दे पर माफी की मांग करने लगे.
चुनावी में माहौल में सरकार के इस कबूलनामे से बीजेपी की टेंशन बढ़ने लगी है. कांग्रेस अब लोगों के बीच सरकार के इसी लिखित जवाब को लेकर जा रही है. चुनाव में माहौल में सरकारी सच से बीजेपी की मुश्किलें बढ़ गई है. पार्टी को जब यह एहसास हुआ, तो सारे दिग्गज मंत्री और सीएम अब सफाई दे रहे हैं. सरकार के एक कद्दावर मंत्री ने अधिकारियों के सिर पर ठीकरा फोड़ दिया है.
शहरी विकास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि अधिकारियों ने इस संबंध में प्रदेश विधानसभा को गलत जानकारी दी है. जांच के बाद सही जानकारी दी जाएगी. सिंह ने पिछली कांग्रेस सरकार पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना से जुड़े आंकड़े केंद्र को नहीं देने का भी आरोप लगाया है. सरकार के कबूलनामे पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी हमला किया है.
राहुल गांधी ने कहा है कि कांग्रेस ने जो कहा, सो किया, बीजेपी सिर्फ झूठे वादे. वहीं, एमपी कांग्रेस ने कहा कि कमलनाथ की सरकार ने 27 लाख किसानों का कर्जमाफ किया. हमेशा सच बोला. शिवराज सरकार ने कर्जमाफी योजना बंद की और हमेशा झूठ बोला है. वहीं, पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने भी बीजेपी पर जोरदार अटैक किया है. उन्होंने कहा कि कमलनाथ ने शिवराज और ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक चुनौती दी थी, वो उस चुनौती का जवाब तो नहीं दे पाए लेकिन उनके झूठ का पर्दाफाश शिवराज सरकार के कृषि मंत्री के जवाब ने कर दिया है, जो जनका के सामने है.
वहीं, कांग्रेस के हमलावर तेवर पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने खंडवा में फिर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने किसानों के साथ धोखा किया है. सीएम ने कहा कि दिग्विजय सिंह ने 2 लाख रुपये तक के कर्ज माफी की बात कही थी, लेकिन कुल 6 हजार करोड़ का कर्जा ही माफ किया है. उसका भी पैसा नहीं दिया. अब बैंक वाले बीजेपी सरकार से पैसे मांग रहे हैं. बैंक वालों का कहना है कि कमलनाथ प्रमाण पत्र बांट गए हैं.
एमपी में 28 सीटों पर उपचुनाव है. किसान कर्जमाफी एक बड़ा मुद्दा है. कांग्रेस कर्जमाफी के मुद्दे पर सत्ता में वापस आई थी. लेकिन इस मुद्दे को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बगावत कर 15 महीने में ही कांग्रेस की सरकार गिरा दी. अब उपचुनाव में भी बीजेपी इसी को भुनाने में लगी है. लेकिन सदन में कृषि मंत्री के कबूलनामे ने बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. अब सरकार के सारे नुमाइंदे अलग-अलग अंदाज में सफाई दे रहे हैं.
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