प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) इस वक्त अमेरिका के दौरे पर हैं जैसा कि भारतीय मीडिया से सभी लोग वाकिफ हैं प्रधानमंत्री के इस दौरे को भारतीय मीडिया में खूब भाई लाइट किया जा रहा है. दिन-रात मीडिया चैनलों में सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे के ही चर्चे हैं.
असम में हुई हिंसा को मीडिया चैनलों द्वारा वह कवरेज नहीं मिली जो मिलनी चाहिए थी. राज्य के अंदर वहां के नागरिक और पुलिस आपस में लड़ रहे हैं. एक राज्य में एक धर्म विशेष के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. लेकिन मीडिया इन सब बातों से बेपरवाह होकर अमेरिका दौरे के बहाने प्रधानमंत्री मोदी का प्रचार प्रसार करने में जुटा हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह अमेरिका दौरा ऐसा है जिसे खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कभी याद नहीं करना चाहेंगे.
अमेरिका में सत्ता का परिवर्तन हो चुका है, डोनाल्ड ट्रंप की जगह है जो बिडेन अमेरिका के राष्ट्रपति हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) इससे पहले किसी भी राष्ट्राध्यक्ष से मिलते थे तो गर्मजोशी के साथ गले मिलते थे, लेकिन इस बार वह गर्मजोशी देखने को नहीं मिली. डोनाल्ड, ट्रंप नेतनयाहू, पुतिन जैसे नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वह गले मिलती हुई तस्वीरें जो मीडिया द्वारा और बीजेपी आईटी सेल द्वारा वायरल की जाती थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रचार प्रसार किया जाता था, यह जताने की कोशिश की जाती थी कि भारत की नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह पर्सनल दोस्ती है.
शायद इस बार वैसा कुछ करने का मौका बीजेपी आईटी सेल और मीडिया को ना मिल पाए. क्योंकि इस बार जो बिडेन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) उस गर्मजोशी के साथ गले मिलते हुए दिखाई नहीं दिए या फिर जो बिडेन उस गर्मजोशी के साथ मिले ही नहीं. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका में जाकर डोनाल्ड ट्रंप के लिए चुनाव प्रचार किया था और कहा था अबकी बार ट्रंप सरकार.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार के अमेरिकी दौरे को उस तरीके से शायद याद ना कर पाए जिस तरह वह डोनाल्ड ट्रंप से मिलकर याद करते थे इस बार. इस बार अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाया और अपने टि्वटर हैंडल से प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात का जो वीडियो शेयर किया, उस वीडियो में भी वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डेमोक्रेसी का पाठ पढ़ाते हुए नजर आ रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और बीजेपी सरकार पर हमेशा आरोप लगते रहे हैं कि इस सरकार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत में लोकतंत्र लगातार कमजोर हो रहा है. संवैधानिक संस्थाओं पर लगातार हमले हो रहे हैं. संवैधानिक संस्थाओं को कंट्रोल करने की कोशिश की जा रही है. विपक्ष की आवाज को कुचलने की कोशिश की जा रही है. आलोचना करने वालों को डराया जा रहा है, धमकाया जा रहा है, एफआईआर के माध्यम से उन्हें चुप कराने की कोशिश की जा रही है.
ऐसे वक्त में अमेरिकी उप राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान लोकतांत्रिक मूल्यों को याद करना, लोकतंत्र की परिभाषा देना अपने आप में बहुत कुछ बयां कर रहा है. कहीं ना कहीं यह दिखाई दे रहा है कि अमेरिका जैसे देश को भी लग रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत में लगातार लोकतंत्र कमजोर हो रहा है. शायद इसीलिए अपने ट्विटर हैंडल से जो वीडियो कमला हैरिस ने शेयर किया है, उसमें भी वही हिस्सा उन्होंने शेयर किया है जिसमें वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने लोकतंत्र के बारे में बात कर रही हैं.
इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात हुई उस दौरान भी अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी के सामने महात्मा गांधी की बात की अहिंसा के बारे में बात की उन्होंने कहा कि, हमारे संबंध पारिवारिक हैं. चार मिलियन भारतीय मूल के लोग यहां है जो अमेरिका को और मज़बूत बनाते हैं. अगले सप्ताह जब हम महात्मा गांधी जी का जन्मदिन मनाएंगे तो हमें याद रखना है कि उनके बनाए जो मूल्य हैं अहिंसा, सहिष्णुता और आदर ये आज की दुनिया को पहले से ज़्यादा ज़रुरत है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान जनसंघ, हिंदू महासभा और आरएसएस से जुड़े हुए किसी नेता को याद नहीं किया. गोलवलकर को याद नहीं किया, गोडसे को याद नहीं किया. यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सावरकर तक को याद नहीं किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने दूसरे देश का राष्ट्रपति महात्मा गांधी के मूल्यों को याद कर रहा है जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थक भारत के अंदर नफरत करते हैं गालियां देते हैं.
कहीं ना कहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दौरे से खुद प्रधानमंत्री मोदी को उनके समर्थकों को, बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी का दिन-रात प्रचार करने वाली मीडिया को, बीजेपी आईटी सेल को गहरा झटका लगा होगा. क्योंकि इस दौरे पर वह सब कुछ हुआ जिसकी उम्मीद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नहीं की होगी, उनके समर्थकों ने नहीं की होगी, उनका प्रचार करने वाली मीडिया ने नहीं की होगी. शायद इस दौरे को यह लोग भूलना चाहेंगे या फिर उस तरह याद नहीं करना चाहेंगे, जिस तरह पहले के विदेशी दौरों को लंबे समय तक प्रचारित किया जाता था.
The post इससे अच्छा तो मोदी जी वैक्सीन का बहाना बनाकर अमेरिका जाते ही नहीं appeared first on THOUGHT OF NATION.
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