नीमकाथाना/मावंडा. गांव-ढाणियों में बढ़ते कोरोना मरीजों के साथ झोलाछाप चिकित्सकों की बेल भी पनप गई। नीमकाथाना इलाके में एक झोलाछाप कोरोना मरीजों को भी उपचार के लिए भर्ती करता रहा। इसके बाद चिकित्सा विभाग का सिस्टम नहीं जागा। इस बीच कुछ कोरोना मरीजों की मौत भी हो गई। ऐसे में यहां के लोगों ने कलक्टर को शिकायत की तो बुधवार को झोलाछाप को डिकॉय ऑपरेशन के जरिए पकड़ा गया। गांव मांवडा कला में तहसीलदार व बीसीएमएचओ की टीम ने डिकॉय ऑपरेशन कर नीम हकीम के खिलाफ कार्रवाई करते हुए अवैध अस्पताल व मेडिकल स्टोर को सीज किया है। जैसे ही पुलिस व प्रशासन की गाडिय़ां नीम हकीम पर कार्रवाई करने पहुंची तो गांव में अन्य मेडिकल संचालकों में हड़कंप मच गया। उपखंड स्तर पर तहसीलदार सत्यवीर यादव के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। नायब तहसीलदार धर्मेन्द्र स्वामी, बीसीएमएचओ डॉ अशोक यादव शामिल रहे। धड़ल्ले से उपचार कर रहे नीम हकीम मक्खलाल सैनी को डिकॉय ऑपरेशन कर मौके पर दबोच लिया। बीसएमएचओ डॉ. अशोक यादव ने बताया कि नीम हकीम मक्खनलाल से दस्तावेज मांगे तो वह पेश नहीं कर पाया। बिना लाइसेंस के संचालित मेडिकल स्टोर व अस्पताल को सीज कर दिया। आरोप है कि मावण्डा खुर्द पीएचसी में नीम हकीम मक्खन लाल का परिजन कार्यरत है जो अस्पताल में मिलने वाली नि:शुल्क दवा मेकिडल पर मरीजों को उपलब्ध करवाता था। गुरुवार को दवाइयों की जांच करवाई जाएगी। मांवडा में लगातार मौतेंमांवडा गांव में सबसे ज्यादा मौते हुई है। हालांकि जिम्मेदार उन मौतों को अन्य किसी कारणों से होना बता रहे है। ग्रामीणों का आरोप है कि नीम हकीम द्वारा गलत उपचार करने से कई लोग अपनों से बिछड़ गए। ग्रामीणों ने नीम हकीम पर ठोस कार्रवाई करने की मांग की है।…तो होगी कार्रवाईनीम हकीम मक्खनलाल टीम को मौके पर दस्तावेज नहीं दिखा पाया। नीमकाथाना लाने के बाद उसने टीम के सामने आरएमपी (रजिस्टर्ड मेडिकल प्रेक्टिशनर) होना बताया। इस पर टीम ने उसे आरएमपी पेश करने की बात कहते हुए पाबंद कर छोड़ दिया गया।कर्मचारी बोला, श्वास में दिक्कत और खांसी-जुकाम हैडिकाय ऑपरेशन के दौरान टीम में शामिल एक कर्मचारी को नीम हकीम के पास उपचार के लिए भेजा गया। नीम हकीम ने उसकी जांच कर खांसी जुकाम की दवा लिख दी। संयुक्त टीम को इशारा होने से पहले ही नीम हकीम ने कर्मचारी के तुरंत इंजेक्शन लगा दिया।गंभीर हालात होने पर मरीजों को भेजता सरकारी मेंनीम हकीम मांवडा गांव का स्थानीय निवासी है। वह काफी दिनों सें ग्रामीणों का उपचार करता आ रहा है। मरीज की हालत गंभीर होने के बाद उसको नीमकाथाना या अन्य अस्पताल में भेज देता था।
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