सीकर. बैंक शनिवार से चार दिन बंद रहेंगे। इस दौरान सरकारी और ग्रामीण बैंक में किसी तरह का लेन देन नहीं होगा। दरअसल बैंकों के निजीकरण के विरोध में बैंक यूनियन्स ने 15 और 16 मार्च को देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की है। 13 मार्च को माह का दूसरा शनिवार है और 14 मार्च को रविवार है। इस कारण लगातार चार दिन ऑफ लाइन बैंकिंग बंद होगी। इससे जिले में करीब छह सौ करोड़ का बैंकिंग लेन-देन प्रभावित का अनुमान है। इसके अलावा चार दिन तक बैंकिंग लेन-देन नहीं होने के कारण एटीएम सेवा पर इसका असर नजर आएगा। दो दिवसीय हड़ताल यूनाइटेड फोरम ऑफ़ बैंक यूनियनंस के बैनर तले होगी। यूनियन की ओर से बंद के दौरान केंद्र सरकार की ओर से जारी बजट मे 4 सरकारी बैंको के निजीकरण की घोषणा का विरोध किया जाएगा। इनका कहना है कि कोरोना काल में सरकारी बैंक ही जनकल्याण की सभी योजनाओं को आमजन तक पहुंचा रहे हैं। इसके अलावा बैंको का ऑपरेटिंग प्रॉफिट बढ़ रहा है। फिर भी सरकार निजीकरण की गलत नीति लागू कर रही है।
इसलिए विरोधबैंक यूनियंस का कहना है कि केन्द्र सरकार की ओर से नोटबंदी के दौरान, कोरोना महामारी में जनधन खातों, महिला, मजदूर व किसानों के खातों में डायरेक्ट बेनिफिट के तहत राशि का भुगतान, 20 लाख करोड राहत पैकेज की योजनाएं पीएम किसान सम्मान निधि, मुद्रालोन, जनधन खातों मे ओवरड्राफ्ट सुविधा, एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए 1 जून को पूरे भारत में पब्लिक सेक्टर बैंक्स ने 3200 करोड़ कोलेटरल सिक्योरिटी फ्री लोन बांटे। इसके बावजूद एनपीए के बढने के नाम पर सरकार बैंकों का निजीकरण कर रही है। जो कर्मचारियों के हित में नहीं है।
इनका कहना है:बैंक कर्मचारी सरकार के आर्थिक योद्धा हैं। सरकार की गलत नीतियों के कारण बैंको का एनपीए बढ़ गया, जिसमे 90 प्रतिशत तक कॉर्पोरेट का है। बैंको का निजीकरण करने से मध्यम वर्ग की स्थिति खराब हो जाएगी।सुरेंद्र बगडिय़ा, बैंक प्रबंधक, एआईपीएनबीओए
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