सीकर.
रामलीला मैदान में मंगलवार को रामलीला राम विवाह के उल्लास और उत्साह से शुरू और राम वन गमन के विलाप पर समाप्त हुई। मंगल गीतों और बधावों के बीच भगवान राम ने सीता के साथ अग्नि की साक्षी में सात फेरे लिए। नृत्य- गान के उमंग से भरे विवाहोत्सव की धूम मिथिला से लेकर अवध तक रही। इसके बाद राजा दशरथ के राम राज्याभिषेक की घोषणा से फिर अयोध्या उत्सव मय हो गया, लेकिन बुद्धि फिरी मंथरा को यह नहीं सुहाया। कैकयी को सिखा- पढ़ा वह उसे कोप भवन में भेज देती है। पुत्र मोह में कैकयी राजा दशरथ को राम की सौगंध में बांध भरत के राज्याभिषेक और राम के वन गमन का वरदान ले लेती है। समझाइश और विनती पर भी कैकयी के नहीं मानने पर राजा दशरथ राम वियोग की कल्पना से ही मूर्छित हो जाते हैं। सूचना पर राम पिता से मिलने आते हैं और कैकयी के वरदान को भी अपने हित में कहते हुए वन जाने को तैयार हो जाते हैं। साथ में भाई लक्ष्मण और सीता भी मुनिवेश में उनके साथ हो लेते हैं। राम के वन जाने की सूचना पर कैकयी को कोसते हुए अवधपुरवासी भी राम के पीछे ही चल देते हैं। समझाने पर भी नहीं लौटने पर श्रीराम तमसा तट से रात को मौका पाकर सुमंत्र को रथ आगे बढ़ाने को कहते हैं। इसके बाद राम, सीता व लक्ष्मण के साथ गंगा तट पर पहुंचे। जहां सखा निषादराज से मुलाकात के साथ रामलीला का मंचन पूरा हुआ। बुधवार को केवट प्रसंग सहित कई दृश्यों का मंचन होगा। स्वदेशी पर संगोष्ठी आयोजित सीकर. शास्त्री नगर स्थित विनायक स्कूल में मंगलवार को स्वदेशी जागरण मंच की ओर से स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग एवं भारतीय अर्थव्यवस्था ’ विषय पर संगोष्ठी हुई। संगोष्ठी में मुख्य अतिथि शिक्षाविद् प्रमिला सिंह ने कहा कि भारतीय वस्तुओं के उपयोग से देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। मुख्य वक्ता सीए अनुश्री अग्रवाल ने कहा कि स्वदेश की भावना से ही राष्ट्र निर्माण सम्भव है। इस दौरान सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता हुई। इसमें श्रेष्ठ रहे छात्रों को सम्मानित किया गया। जागरण मंच के सह संयोजक एडवोकेट अनिल कुमार एवं बसंत कुमार ने मंच का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। संस्था निदेशक रमेश शास्त्री, सीईओ हरिराम शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन हरिप्रकाश शर्मा ने किया।
- Advertisement -
- Advertisement -
- Advertisement -