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एशिया का सबसे बड़ा कच्चा बांध ओवरफ्लो के करीब पहुंचा, 21 साल बाद दिखेगा ऐसा नजारा

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दौसा। तेज बारिश के कारण प्रदेश में कई बांधों पर चादर चल रही है। दौसा जिले का मोरेल बांध 21 साल बाद छलकने को आतुर है। ऐशिया का सबसे बड़ा कच्चा बांध मोरेल बांध अब ओवर फ्लो के करीब जा पहुंचा है। बांध का जल स्तर शनिवार सुबह 30 फीट 3 ईंच तक जा पहुंचा।
मोरेल बांध की भराव क्षमता कुल 30 फीट 5 ईंच है। मोरेल नदी में अब भी करीब ढाई फीट से अधिक पानी की आवक बनी होने से बांध का जल स्तर लगातार बढ रहा है, जिससे बांध में पानी की आवक भी बनी है। बांध के आज दोपहर तक ओवर फ्लो होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
दरअसल, इससे पूर्व 21 साल पहले सन 1998 में बांध पर चादर चली थी, इसके बाद सन 2014 में बांध का जल स्तर 27 फीट तक जा पहुंचा था। बांध में पानी की आवक को देखते हुए उपखण्ड प्रशासन ने बांध की ओवर फ्लो से सटे गांवों में हाई अलर्ट जारी किया है। उपखण्ड प्रशासन और जल संसाधन विभाग के अधिकारी भी लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
उपखण्ड अधिकारी सुनील आयज़्, जल संसाधन विभाग के एक्सईन एच.एल.मीना, सहायक अभियंता एम.एल. मीना, किशन मीना, शिवदान सिंंह मीना एवं कनिष्ठ अभियंता विजेन्द्र सैनी बांध पर मौजूद रह कर पूरी तरह से पल-पल पर नजर बनाए हुए हैं।इससे पहले शुक्रवार को मोरेल बांध में 29 फीट पानी की आवक दर्ज की गई थी। बांध की भराव क्षमता ऊंचाई में 30 फीट है लेकिन, क्षेत्रफल में 2 हजार 707 एमसीफीट है, जो जिले के सभी 39 बांधों का 38 प्रतिशत है।
सन् 1981 में टूट गया था मोरेल बांध
वर्ष 1981 में भारी बारिश के चलते मोरेल बांध पानी के दबाव के कारण टूट गया था। इसके बाद इस बांध में अब पहली बार इतना पानी आया है। जिला कलक्टर ने जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों को बांध पर ही ठहर कर स्थिति पर नजर रखने के निर्देश जारी किए हैं।

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