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राजस्थान में कर्ज नहीं मिलने से मुश्किल में अन्नदाता

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जयपुर
इस समय खरीफ फसलों ( kharif crops ) की बुवाई ( Sowing ) का सीजन है। राजस्थान में मानसून ( Rains in Rajasthan ) की मेहरबानी से सामान्य से अच्छी बारिश होने से किसानों ( Farmers ) में खुशी थी कि इस बार खरीफ की अच्छी फसल ( Crop ) होगी। कृषि विभाग ( Department of Agriculture ) ने भी बुवाई का आंकड़ा बढ़ने का अनुमान लगाया है। लेकिन राजस्थान में सहकारिता ( Cooperative ) से जुड़े किसान खरीफ की बुवाई को लेकर आर्थिक रूप से परेशान हैं। आपको बता दें कि सहकारी बैंक ( Cooperative Bank ) किसानों को रबी और खरीफ सीजन के लिए फसल बुवाई के लिए अल्पकालीन फसली ऋण ( Crop Loan ) देते हैं। इस बार इस व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए किसानों से आॅनलाइन आवेदन मांगे गए। करीब 17 लाख आवेदन फसली ऋण लेने के लिए किसानों ने किए लेकिन अभी तक करीब 8 लाख किसानों को ही बैंकों से फसली ऋण मिला है। बाकी किसान ऋण मिलने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन बैंकों के पास ऋण के लिए रुपयों की कमी है।
आपको बता दें कि राजस्थान में अपेक्स बैंक के जरिए जिला कॉपरेटिव बैंकों के जरिए निर्धारित व्यवस्था के तहत किसानों को फसली ऋण मिलता है। अपेक्स बैंक को नाबार्ड रिफाइनेंस के तौर पर ऋण देता है लेकिन इस बार नाबार्ड ने रिफाइनेंस करने के नाम पर हाथ खड़े कर दिए हैं। इसके पीछे कर्जमाफी के साथ अन्य कारणों का हवाला दिया गया है। लेकिन इन सब बातों के बीच में किसान अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं, क्योंकि बड़ी संख्या में किसानों को अभी तक फसली ऋण ही नहीं मिला है। ऐसे में अच्छी बारिश होने के बावजूद लघु और सीमांत श्रेणी के किसान खासतौर पर परेशान है।
कर्ज के लिए करीब 17 लाख आवेदन
खरीफ की बुवाई और उपज पैदावार के लिए जरूरी चीजों के लिए उन्हें ऋण ही नहीं मिल पा रहा है। आपको बता दें कि उत्तर भारत में खरीफ फसलों की बुवाई बारिश के आने के साथ जून-जुलाई से शुरू होती है जो सामान्यतया अगस्त तक चलती है। आपको बता दें कि कृषि विभाग ने इस साल करीब 163 लाख हैक्टेयर में खरीफ की फसल बाेए जाने का लक्ष्य रखा है।
 

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