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देश में अव्वल किशोर वैज्ञानिक अमित ने खोला सफलता का राज, मोबाइल को लेकर कही ये बात

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सीकर. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग व इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस की ओर से आयोजित केवीपीवाई यानी किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना प्रवेश परीक्षा में राजस्थान के सीकर जिले की पीसीपी संस्था के अमित शर्मा ने स्ट्रीम एसबी में सामान्य वर्ग एवं अखिल भारतीय स्तर पर पहली रैंक हासिल की है। होनहार ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि मेहनत के दम पर किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल की जा सकती है। मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। गौरतलब है कि इसी साल अमित शर्मा ने कक्षा बारहवीं विज्ञान वर्ग के परिणाम में 99.40 फीसदी अंक हासिल किए थे। मूलत: गुसाईंसर बीकानेर निवासी अमित के पिता धर्मचंद शर्मा पेशे से किसान है। जबकि माता पुष्पा देवी गृहिणी है। एक सामान्य परिवार से निकलकर इस मुकाम को पाने पर इस परीक्षा में शिक्षानगरी सीकर ने भी पहली बार पहली रैंक पर कब्जा जमाया है। होनहार अमित शर्मा सीकर के पीसीपी से नीट की तैयारी में जुटा है। होनहार ने कक्षा दसवीं में 97 फीसदी अंक हासिल किए थे। खास बात ये है कि अमित की सफलता में एक बड़ा राज उसकी मोबाइल से दूरी है। अमित का मानना है कि विद्यार्थी जीवन में मोबाइल से जितना दूर रहा जाए उतना ही बेहतर है। पेश है अमित से पत्रिका की बातचीत के प्रमुख अंश..
पत्रिका: कक्षा 12 वीं के साथ किस तरह से केवीपीवाई की तैयारी कर पहली रैंक हासिल की।
अमित: मैंने लॉकडाउन के दौरान तय कर लिया था केवीपीवाई परीक्षा में नया रेकार्ड ब्रेक करना है। इसके लिए फिर मैं आठ से दस घंटे नियमित पढ़ाई में जुटा रहा। पुराने प्रश्न पत्रों के जरिए पेपर पैर्टन को समझा और लगातार जुटा रहा।
पत्रिका: आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए कौनसे टिप्स जरूरी मानते हैं।अमित: पढ़ाई को लेकर किसी तरह के दवाब में नहीं आए। दवाब में आने पर आप बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सकते। खुद पर विश्वास रखें ओर मेहनत करते रहें। य
पत्रिका: अभी तक आपने मोबाइल फोन नहीं खरीदा, इसके पीछे कोई खास वजह।
अमित: मोबाइल अच्छा माध्यम है। लेकिन विद्यार्थी जीवन में इससे थोड़ा दूर रहा जाए तो बेहतर है। आप लगातार फोन के सम्पर्क में रहेंगे तो निश्चित तौर पर पढ़ाई बाधित होगी। इसलिए मैंने मोबाइल से दूरी बनाई हुई है।
पत्रिका: कॅरियर में अगला लक्ष्य क्या है।अमित: नीट की तैयारी में अच्छा स्कोर करना मेरा पहला लक्ष्य है। इसके बाद एम्स दिल्ली में डॉक्टर बन मरीजों की सेवा करना ध्येय है।

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