सीकर. ब्याजमुक्त ऋण और खाद-बीज वितरण तक सीमित रहने वाली और किसान व सरकार के बीच की अहम कड़ी ग्राम सेवा सहकारी को नया कलेवर मिलेगा। सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए जिले की ग्राम सेवा सहकारी समिति को मल्टी सर्विस सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। जिसके तहत ग्राम सेवा सहकारी समितियों को नाबार्ड की सहकारी बैंक को तीन प्रतिशत ब्याज पर वित्तीय सहायता दी जाएगी। ग्राम सेवा सहकारी समितियों में रूरल वेयर हाउस बनाए जाएंगे। जिससे भाव नहीं मिलने पर किसान अपनी उपज को इन वेयर हाउस में रख सकेंगे। वेयर हाउस के उपज रखने से न केवल किसानों का शहर या मंडी तक उपज को लेकर आने का परिवहन खर्च भी बचेगा। इससे घाटे से जूझ रही समितियों को आर्थिक और किसान को एक ही छत के नीचे जरूरत की सामग्री मिल सकेगी।
400 मीट्रिक टन का बनेगा गोदामजिले में रबी और खरीफ फसल की कटाई के दौरान अक्सर कई फसलों के भाव कम हो जाते हैं। जिसके कारण किसानों को उनकी उपज का मोल नहीं मिल पाता है। जिससे किसानों को अपनी उपज औने-पौने दामों में ही देनी पड़ती है। इसे देखते हुए किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए नाबार्ड की ओर से सहकारी समितियों में नए वेयर हाउस बनाए जाएंगे। सीकर सहकारी बैंक के प्रबंधक मुकेश निठारवाल ने बताया कि 33-33 लाख रुपए से करीब 400-400 एमटी के नए वेयर हाउस बनाए जाने से सहकारी समितियों में अतिरिक्त भंडारण की क्षमता बढ़ जाएगी।
इनका कहना हैेवेयर हाउस के लिए पात्र समितियों को एग्री कल्चर इन्फ्रा स्ट्रक्टर फंड के तहत तीन प्रतिशत का ब्याज अनुदान मिलेगा। पात्र समितियां राजस्थान एग्रो प्रोसेसिंग पॉलिसी 2019 का लाभ भी ले सकती है। जिसके तहत अधिकतम छह प्रतिशत का ब्याज अनुदान एवं पचास प्रतिशत पंूजीगत अनुदान का प्रावधान है। समितियों को इन दोनो योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ को उठाना चाहिए।एमएल मीणा, सहायक महाप्रबंधक (जिला विकास) नाबार्ड
रूरल वेयर हाउस स्कीम के पहले चरण में सांगरवा, लक्ष्मणपुरा और रानोली का चयन किया गया है। अगले चरण में जिले की अन्य सहकारी समितियों का चयन किया जाएगा। इससे समितियों की आय भी बढ़ सकेगी।सुरेश कुमार मीणा, एमडी सहकारी बैंक
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