सीकर. प्रदेश के 12 लाख से अधिक युवाओं के शिक्षक बनने की आस थोड़ी दूर हो गई है। बीएसटीसी व बीएड डिग्रीधारी युवाओं के अरमान पहले कोरोना तो फिर नियमों और पैटर्न के पेंच में उलझ गए। अब रीट की विज्ञप्ति चुनाव आयोग की आचार संहिता के फेर में फंस गई है। अब इसकी विज्ञप्ति 11 दिसम्बर के बाद जारी होने की संभावना है। रीट के जरिए प्रदेश में 31 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती होनी है। शिक्षा विभाग की ओर से अनुमति के लिए निर्वाचन आयोग को दो बार फाइल भेजी गई, लेकिन दोनों बार आयोग ने नए नियमों की वजह से फाइल लौटा दी।
अब फरवरी में परीक्षा मुश्किलरीट की विज्ञप्ति में देरी से अब फरवरी में परीक्षा होना मुश्किल नजर आ रहा है। एक्सपर्ट का कहना है कि यदि 11 दिसम्बर के बाद विज्ञप्ति जारी होती है तो जनवरी तक आवेदन प्रक्रिया का दौर चलेगा। इसके बाद राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को भी परीक्षार्थियों के हिसाब से सेंटर निर्धारण में समय लगेगा। ऐसे में मार्च से पहले परीक्षा होना मुश्किल नजर आ रहा है।
2 बड़ी वजह जिस कारण निर्वाचन आयोग ने नहीं दी अनुमति
1. सरकार ने रीट 2020 के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। आयोग ने माना कि इस विज्ञप्ति से चुनाव प्रभावित हो सकता है।2. आचार संहिता लागू होने के बाद सरकार ने प्रस्ताव तैयार किया था।
3 बड़े बदलाव होने हैं रीट भर्ती में
1. इस बार रीट के न्यूनतम अंकों में कुछ वर्गों को छूट दी जा सकती है।
2. वाणिज्य संकाय के विद्यार्थियों को पहली बार रीट में शामिल होने का मौका मिलेगा।3. रीट प्रथम लेवल में बीएड डिग्रीधारी युवाओं को भी शामिल होने का मौका मिल सकता है।
बजट में हुई थी घोषणा, पदों में बढ़ोतरी भी संभव
बजट में रीट भर्ती की घोषणा हुई थी। लेकिन कोरोना की वजह से मामला पंचायतीराज और शिक्षा विभाग में उलझा रहा। भर्ती प्रक्रिया छह महीने उलझी रही। यदि परीक्षा मार्च तक अटकती है तो सरकार की ओर रिक्त पदों की संख्या को देखते हुए पदों में भी बढ़ोतरी की जा सकती है।
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