आजकलराजस्थान / कोटा
ठेकेदारों से 10 लाख रुपए की वसूली के आराेप में ACB में पकड़े गए अटरू जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता मोहन लाल शर्मा के पास कराेड़ाें की संंपत्ति मिली है। एसीबी काे उनके घर की तलाशी में 11 जगह मकान, प्लाॅट, कृषि भूमि के दस्तावेजाें के अलावा 1.17 लाख रुपए नकद व साेने-चांदी के आभूषण मिले।11 मकानाें में से 8 काेटा शहर में हैं। काेटा के तलवंडी-महावीर नगर जैसे पाॅश इलाके में कराेड़ाें रुपए के दो आलीशान हॉस्टल हैं। एक हाॅस्टल में 40 कमरे हैं। अन्य संपत्तियां कराैली व गंगापुरसिटी में हैं। बता दें कि एसीबी काे गुरुवार काे सूचना मिली थी कि ठेकेदाराें से कमीशन के रूप में घूस की राशि लेकर जल संसाधन विभाग के अफसर सरकारी वाहन में काेटा लाैट रहे हैं। इसके बाद एसीबी ने इनके वाहन की जांच की ताे माेहनलाल के पास 10 लाख, एक्सईएन सत्येंद्र से 66 हजार रु. मिले।वाहन में माैजूद एईएन प्रकाशचंद के पास काेई राशि नहीं मिली। माेहनलाल के अलावा दाेनाें अफसराें काे एसीबी ने पूछताछ के बाद घर भेज दिया।उसीबी के एएसपी ठाकुर चंद्रशील ने बताया कि मोहनलाल के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज होगा। अभी किसी काे गिरफ्तार नहीं किया गया है।मोहनलाल के घर से बरामद साेने-चांदी में 240 ग्राम सोना व 1500 ग्राम चांदी के आभूषण हैं। उनके बैंक खाताें की भी जांच की जाएगी। बेहद साधारण दिखने वाले मोहनलाल ने तलाशी लेने पहुंची एसीबी टीम को जमकर छकाया। पहले उन्हाेंने बताया कि महावीर नगर सैकंड में घर है। एसीबी की टीम वहां पहुंची तो पता चला कि वहां हॉस्टल चलता है और सारे कमरों में किरायेदार ही रहते हैं।मोहनलाल से जब दोबारा पूछा गया ताे उसने बताया कि उसका छोटा परिवार है और वह महावीर नगर सैकंड वाले मकान में ही एक कमरे में रहता है। हालांकि मकान में रह रहे किरायेदारों ने उसकी पोल खोल दी और बताया कि मकान मोहनलाल का है, लेकिन वह यहां नहीं रहता। वह तलवंडी स्थित हॉस्टल के सबसे निचले फ्लोर पर रहता है। इसके बाद टीम वहां पहुंची और सर्च की। एसीबी सीआई अजीत बागड़ाेलिया ने बताया कि मोहनलाल की नौकरी लगभग पूरी होने को है। उसका रिटायरमेंट जनवरी, 2020 में होना है। नौकरी के अंतिम वर्ष में वह एसीबी के हत्थे चढ़ गया। उधर, विभाग के ठेकेदारों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि कोई भी प्रोजेक्ट हो, हर काम के लिए 2 से 10 प्रतिशत तक कमीशन वसूला जाता है।