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डेढ़ साल की मेहनत पांच दिनों में बर्बाद

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पलसाना. इलाके के सुन्दरपुरा गांव निवासी एक नवोदित किसान के सपनों को उजाड़ दिया है। किसान की पिछले डेढ़ साल की मेहनत पांच दिनों की सर्दी में बर्बाद हो गई। किसान राजकुमार गुर्जर क्षेत्र ने बताया कि वो क्षेत्र में लगातार गिरते जल स्तर को लेकर चिंतित था। अपने पिता को कम पानी से खेती करते देख उसने खेती में नवाचार अपनाने की सोची। राजकुमार ने आठ बीघा खेत में बेर (थाई एप्पल) व नींबू के पौधे लगाए। साथ ही ड्रिप सिस्टम भी लगा लिया ताकि कम पानी से इन पौधे में सिंचाई की जा सके। राजकुमार को इसके लिए उद्यान विभाग की ओर से सब्सिडी भी मिली थी। राजकुमार पिछले डेढ़ साल से इन पौधों की देखभार कर रहा था। पहली बार में ही अच्छे उत्पादन की उम्मीद थी। बेर के एक एक पौधे पर ही करीब पचास से साठ किलोग्राम तक बेर तैयार होने की उम्मीद थी। पौधों पर अच्छे उत्पादन को देखकर राजकुमार काफी खुश था। लेकिन पिछले दिनों लगातार चार दिनों तक तापमान माइनस में रहने और फसलों पर बर्फ जमने के दौरान बेर व नींबू के पौधे बूरी तरह से झुलस गए। साथ ही पौधों पर लगे फल भी नष्ट हो गए। किसान राजकुमार ने बताया कि बेर का उत्पादन पहली बार में ही करीब पांच लाख रुपयों का होने की उम्मीद थी। साथ ही नींबू के पौधों पर भी अब फूल आने वाले थे। लेकिन सर्दी और पाले के कारण बेर की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई। वही नींबू के पौधे भी झ़ुलस गए है। जिससे अब नींबू का उत्पादन भी काफी प्रभावित होगा।किसान राजकुमार ने बताया कि उसको नुकसान को लेकर पहले ही आश्ंका थी। ऐसे में उसने अपने पौधों का बीमा करवाने के लिए कई जगहों पर चक्कर लगाए लेकिन कहीं से भी बीमा नहीं हो पाया। महंगाई ‘डायन’ ने बिगाड़ा रसोई का स्वाद
श्रीमाधोपुर. महंगाई ‘डायन’ की वापसी से रसोई का स्वाद बिगड़ गया है। प्याज से लेकर तेल, चीनी और घी के दामों में उछाल से आम आम की कमर टूटने लगी है। एक माह पूर्व घी के दाम भी 20 रुपए किलो तक बढ़ गए थे।दिसम्बर के आखऱी सप्ताह में सोयाबीन के तेल के दाम 100 रुपए प्रति किलो तक स्थिर थे, लेकिन इस सप्ताह में इसके दाम में करीब 10 रुपए किलो उछाल आ गया है। इसके अलावा कई ब्रांडेड कम्पनियों का सोयाबीन का तेल भी आठ से दस रुपए लीटर महंगा हो गया है। मूंगफली का एक लीटर तेल अब 140 से 150 रुपए किलो तक पहुंच गया है। इसमें भी प्रति लीटर 10 से 15 रुपए की वृद्धि हुई। इनके अलावा सरसों व तिल्ली के तेल के दाम भी बढ़े हैं। सरसों का तेल अब 120 से 130 रुपए प्रति लीटर हो गया तो तिल्ली के भाव 220 से 240 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए। कमोबेश ऐसे ही हाल अलसी के तेल के हैं। किराना व्यापारी राजेश आभावासवाले का कहना है कि तेल के भाव सुन दुकानों पर आने वाले ग्राहक सोच में पड़ जाते हैं। चीनी के खुदरा दाम भी 38 से 40 रुपए हो गए हैं। इससे भी उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ बढ़ा है। कस्बे के घी-तेल के थोक व्यापारी पवन सोलावाला का कहना है कि अन्तरराष्ट्रीय व्यापारिक अस्थिरता व वायदा बाजार से यह हालात बने हैं। आने वाले दिनों में सभी खाद्य तेलों के दामों में और भी बढ़ोतरी हो सकती है। अभी मलमास होने से शादी-ब्याह के आयोजन नहीं हो रहे, लेकिन यही भाव रहे तो मेजबानों को मेहमानों की सूची छोटी करनी पड़ सकती है।

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