अगले साल विधानसभा चुनाव 9Assembly elections) से गुजरने वाले प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय (per capita income) के बढ़ने की दर चिंताजनक स्तर तक धीमी हो गई है. यह रफ्तार न सिर्फ राष्ट्रीय औसत से नीचे है, बल्कि पूर्ववर्ती सपा सरकार के कार्यकाल की दर से भी आधी है.
रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह ‘‘हैंडबुक ऑफ स्टैटिस्टिक्स ऑन द इंडियन इकोनॉमी, 2020-21” प्रकाशित की. हर साल प्रकाशित होने वाले इस हैंडबुक से न सिर्फ देश की बल्कि सभी राज्यों की अर्थव्यवस्था की स्थिति का पता चलता है. हैंडबुक के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2017-18 से वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान यूपी का प्रति व्यक्ति शुद्ध घरेलू उत्पाद (NSDP) महज 2.99 प्रतिशत की दर से बढ़ा.
प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय के बढ़ने की दर वित्त वर्ष 2012-13 से वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान पांच प्रतिशत थी. अत: यह बात स्पष्ट हो जाती है कि सपा के पांच साल की तुलना में भाजपा के पहले तीन साल में लोगों की आय बढ़ने की दर करीब आधी रह गई है. यह बात भी गौर करने योग्य है कि प्रदेश का प्रदर्शन समान अवधि के 4.6 प्रतिशत के राष्ट्रीय औसत से काफी कम है.
अब यदि कोविड से प्रभावित समय को जोड़कर देखें तो तस्वीर और खराब हो जाती है. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की सरकार के पहले चार साल में लोगों की आय बढ़ने की दर मात्र 0.1 प्रतिशत रह जाती है. रिजर्व बैंक ने कोविड के चलते वित्त वर्ष 2020-21 में हुए नुकसान की पूरी भरपाई अगले वित्त वर्ष में हो जाने के अनुमान के हिसाब से भी गणना की.
इस तरह से देखने पर भी तस्वीर में सुधार नहीं है. ऐसा मान लेने के बाद योगी सरकार के पूरे पांच साल में आय बढ़ने की दर महज 1.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है. यह समान अवधि के अनुमानित राष्ट्रीय औसत 2.7 प्रतिशत से बहुत कम है. मुख्यमंत्री योगी के एक हालिया दावे के बरअक्स वास्तविक आंकड़ों को रख कर देखें तो असंभव सी स्थिति दिखाई देती है.
एएनआई के अनुसार, मुख्यमंत्री ने अगले पांच साल में उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय के राष्ट्रीय औसत से अधिक हो जाने का दावा किया था. ऐसा सिर्फ तब हो सकता है जब प्रदेश में आय सालाना 22 प्रतिशत की दर से बढ़े और राष्ट्रीय आय बढ़ने की दर पांच प्रतिशत बनी रहे. यूपी समेत पांच राज्यों में आने वाले समय में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.
अन्य राज्यों में गोवा, उत्तराखंड, मणिपुर और पंजाब शामिल है. इन पांच राज्यों में गोवा की प्रति व्यक्ति आय सर्वाधिक 3.04 लाख रुपये है. उत्तराखंड और पंजाब क्रमश: 1.59 लाख और 1.19 लाख रुपये के प्रति व्यक्ति आय के साथ राष्ट्रीय औसत से ऊपर है. मणिपुर और उत्तर प्रदेश में यह आंकड़ा क्रमश: 54 हजार और 44,600 रुपये है. यह 95 हजार रुपये के राष्ट्रीय स्तर की तुलना में कम है.
The post रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट ने BJP की चुनावी तैयारियों में खलल डाल दिया है appeared first on THOUGHT OF NATION.
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