दिल्ली रेप केस और हत्या (Delhi rape case and murder) पर गरमाई हुई है राजनीति. जहां एक ओर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के जाने से पहले तमाम राजनीतिक दल इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए थे वही अब सभी राजनीतिक पार्टियां इस मुद्दे पर एक्टिव हो चुकी है.
पीड़ित परिवार से राहुल गांधी के मिलने के बाद बीजेपी की तरफ से संबित पात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और रेप पीड़ित राज्यों की तुलना कर डाली. संबित पात्रा (Sambit Patra) ने कहा कि रेप पर अगर राजनीति की जाए तो यह राजनीति का सबसे निम्न स्तर होता है. लेकिन संबित पात्रा ने यह नहीं बताया कि क्या कहीं अगर रेप की घटना होती है तो वहां राजनीतिक दल के नेता नहीं जाएंगे?
जहां रेप की घटना होती है और पीड़ित परिवार से मिलने के लिए अगर राजनीतिक दल के नेता जाते हैं तो सत्ताधारी पार्टी उस पर राजनीति करने का आरोप लगाएगी? अगर रेप पीड़ित परिवार से मिलना राजनीति है तो फिर 2014 से पहले दिल्ली निर्भया कांड पर बीजेपी क्या कर रही थी? क्या बीजेपी राजनीति नहीं कर रही थी? यह बात संबित पात्रा ने नहीं बताई.
राहुल गांधी के मिलने जाने के बाद संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्यों की तुलना करते हुए कहा कि किसी राज्य में रेप पीड़ित परिवार से मिलने चले जाना और किसी राज्य में नहीं जाना यह कहां तक सही है. संबित पात्रा कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान की बात कर रहे थे. लेकिन संबित पात्रा को यह पता होना चाहिए कि राजस्थान या फिर गैर बीजेपी शासित राज्यों में जल्दबाजी में शव को जला नहीं दिया जाता है.
संबित पात्रा को यह पता होना चाहिए कि गैर बीजेपी शासित राज्यों में पीड़ित परिवार पर ही दबाव नहीं बनाया जाता है. जैसा कि उत्तर प्रदेश में हाथरस के वक्त हुआ था. उन्नाव कि पीड़िता के साथ भी उत्तर प्रदेश में यही हुआ था. उसके परिवार के अधिकतर सदस्य संदेहास्पद स्थिति में मृत पाए गए थे और उसे भी मारने की कोशिश हुई थी.
संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रेप, रेप होता है. चाहे वह दिल्ली में हो, चाहे राजस्थान में हो, चाहे वह छत्तीसगढ़ में हो या फिर महाराष्ट्र में हो. संबित पात्रा ने बिल्कुल सही कहा. लेकिन फिर से वही बात आती है कि, क्या गैर बीजेपी शासित राज्यों में पीड़ित परिवार को ही कटघरे में खड़ा किया जाता है? क्या गैर बीजेपी शासित राज्यों में पीड़ित परिवार की मर्जी के बिना ही शव जला दिए जाते हैं?
संबित पात्रा (Sambit Patra) की प्रेस कॉन्फ्रेंस को टाइम्स नाउ (Times Now) की तरफ से लाइव किया गया और ट्वीट किया गया. इसी को लेकर कांग्रेस की तेज तर्रार प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत (Supriya Shrinet) ने एक ट्वीट करते हुए पूछा कि, घिनौना यह आदमी ज़्यादा है या इस कोरी बेशर्मी को 10 मिनट तक बेधड़क दिखाने वाला चैनल?
घिनौना यह आदमी ज़्यादा है या इस कोरी बेशर्मी को 10 मिनट तक बेधड़क दिखाने वाला चैनल? https://t.co/J8xMvUVRzb
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) August 4, 2021
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