सीकर. प्रदेश की सत्ता और संगठन में चल रही उठापटक में शेखावाटी के दिग्गज जाट नेता नारायण सिंह ने प्रेस बयान जारी कर एंट्री की है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रहे सिंह ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने खूब मेहनत की व अपना पसीना बहाया। तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी। इसलिए आवश्यकता इस बात की है कि प्रदेश व जिला स्तर पर कांग्रेसजनों एवं कार्यकर्ताओं को सत्ता में भागीदारी दी जाए। यह कांग्रेस नेतृत्व की नैतिक जिम्मेदारी है। कांग्रेस आलाकमान को विपरीत परिस्थितियों में कांग्रेस का झंडा बुलंद रखने वाले पुराने एवं निष्ठावान कांग्रेस जनों की सुनवाई करनी चाहिए। आज देश में जो हालात बने हैं तथा केन्द्र सरकार का जो किसान विरोधी रवैया है, उसका विपरीत प्रभाव किसानों पर पड़ा है। इसलिए प्रदेश के किसानों की हर संभव मदद करने का काम प्रदेश सरकार को करना चाहिए।
मायने: ‘सामान्य’ बयान में छिपा ‘असामान्य’ संदेशसरकार और संगठन के बीच चल रही राजनीतिक उठापटक के बीच आया वरिष्ठ नेता नारायण सिंह का यह बयान वैसे तो सामान्य है। इसमें किसी पर भी सीधा ‘हमलाÓ नहीं किया गया है, लेकिन राजनीति के जानकारों का मानना है कि इसमें कोई गहरा संदेश छिपा है। इसकी वजह यह है कि सचिन पायलट से सिंह की नजदीकियां जग जाहिर है। पिछले दिनों विधायक महादेव सिंह खंडेला ने भी सीकर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस को अपनी मां और अशोक गहलोत को अपना नेता बताया था। इसके बाद सिंह के इस बयान के राजनीति में कई मायने निकाले जा रहे हैं।
मौका…दस्तूर : खेमों में बंटी है धाक रखने वाली शेखावाटी
कांग्रेस की राजनीति में धाक रखने वाली शेखावाटी वर्तमान में सत्ता में चल रहे मतभेद से खेमों में बंटी है। यहां के वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं की मंत्रिमंडल के विस्तार पर नजर है। गहलोत के पक्ष के वरिष्ठ नेता कोई गलती नहीं करना चाहते। वहीं सचिन पायलट गुट के नेता भी सत्ता में बड़ी भागीदारी के लिए कतार में हैं। कांग्रेस संगठन की कमान भी शेखावाटी के विधायक व मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा के हाथ में है। राजनीति के पिच पर लम्बी पारी खेल चुके सिंह की ओर से जारी सामान्य बयान के राजनीतिक मायने क्या होंगे, इस पर राजनीति के जानकार चिंतन कर रहे हैं।
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