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मन की बात में देश के किसानों को मुंह चिढ़ाते नजर आए प्रधानमंत्री मोदी!

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मन की बात रेडियो कार्यक्रम में देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद की सरकार द्वारा पास किए गए कृषि कानूनों की तारीफ की है.
बता दें कि हरियाणा पंजाब के साथ-साथ पूरे देश के किसान लंबे समय से मोदी सरकार द्वारा पास किए गए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं और अब तो विरोध प्रदर्शन किसानों का सड़कों पर आ चुका है. किसानों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए सड़के जाम की हैं, किसान दिल्ली बॉर्डर पर डेरा जमाए हुए हैं. हालांकि उन्हें दिल्ली में प्रवेश की इजाजत मिल चुकी है.
लेकिन किसानों का कहना है कि वह तय करेंगे कि उन्हें कौन से ग्राउंड मे विरोध प्रदर्शन करना है. जगह खुद की किसान तय करेंगे और आगे की रणनीति भी. लेकिन सरकार किसानों की मांगें मानती हुई नजर नहीं आ रही है. हालांकि गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से और कृषि मंत्री की तरफ से भी किसानों से बात करने का प्रस्ताव दिया गया है.
आपको बताते चलें कि अभी भाजपा के अधिकतर बड़े नेता और खुद गृह मंत्री हैदराबाद के निकाय चुनाव के प्रचार में व्यस्त हैं. जिस समय देश के किसान अपनी समस्याओं को लेकर सड़कों पर हैं, जिस देश के अधिकतर आबादी किसानों की मेहनत के दम पर जिंदा है, उस देश की सरकार फौरन किसानों से मिलकर उनकी बात सुनकर उनकी मांगें मानने की बजाए निकाय चुनाव के प्रचार में व्यस्त हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी मन की बात में जो संकेत दिए हैं, उससे साफ पता चलता है कि सरकार यह बिल वापस लेने नहीं जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार द्वारा पास किए गए कृषि बिल की तारीफ करते हुए कहा है कि, नए कानूनों से दूर होगी किसानों की परेशानी. हालांकि किसानों की समस्या क्या है? उनकी परेशानी कैसे दूर की जा सकती है, यह सरकार तय कर रही है किसान नहीं.
देश के किसान सड़कों पर हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी मन की बात में गैर जरूरी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करके मीडिया के माध्यम से देश को गुमराह करते हुए एक मां अन्नपूर्णा की मूर्ति की बात की,  वापस मिलने पर खुशी भी जाहिर की. लेकिन हमारे अन्नदाताओं के दुखों को सुनकर उनकी समस्याएं दूर करने का आश्वासन तक नहीं दिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने, अपने मन की बात में.
सिख समुदाय को टारगेट किया लेकिन किसान की आवाज नजरअंदाज की
बता दें कि पंजाब के साथ-साथ हरियाणा के किसान बड़ी तादाद में सड़कों पर उतर चुके हैं. सिख समुदाय को टारगेट करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में सिखों के धर्मगुरु गुरु नानक की बात की. लेकिन सिख किसानों की समस्याओं का जिक्र तक नहीं किया. उनकी बातें सुनने का आश्वासन तक नहीं दिया.
प्रधानमंत्री ने कहा कि काफी विचार-विमर्श करने के बाद भारत की संसद में कृषि कानूनों को पारित किया है. प्रधानमंत्री ने कहा है कि इन कानूनों से किसानों के अनेक बंधन समाप्त हुए हैं. इसके साथ ही साथ किसानों को बहुत से अधिकार भी मिले हैं और नए अवसर भी मिले हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार किसानों के अंदर जागरूकता बढ़ाने का काम लगातार कर रही है.
जाहिर है प्रधानमंत्री मोदी की बातों से उनकी मन की बात का कार्यक्रम सुनने के बाद साफ पता चलता है कि किसानों की समस्याओं को सुनने के लिए यह सरकार बिल्कुल भी तैयार नहीं है. किसानों की मांग मानते हुए यह बिल वापस लेने के लिए यह सरकार बिल्कुल भी तैयार नहीं है. आज देश का अन्नदाता सड़कों पर है अपनी समस्याओं को लेकर और अपनी मांगों को लेकर.
दूसरी तरफ देश की सरकार और इस सरकार के नेता हैदराबाद में चुनाव प्रचार करने में व्यस्त हैं और दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी चुनावी रैलियों की ही तरह मन की बात के माध्यम से किसानों की समस्याओं को सुनने की जगह देश का ध्यान जरूरी मुद्दों से हटाने के प्रयास में व्यस्त हैं.
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