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विधायक दल की बैठक से बड़ा सियासी संदेश निकला है.

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राजस्थान की सियासत किस करवट बैठेगी, ये तय होना अभी बाकी है, लेकिन पक्ष-विपक्ष के नेताओं की बैठकें जारी हैं. इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जैसलमेर के सूर्यगढ़ फोर्ट पैलेस पहुंचे, जहां कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई.
विधायक दल की बैठक से बड़ा सियासी संदेश निकला है. पायलट कैंप के लिए कांग्रेस के दरवाजे अब लगभग बंद बताए जा रहे हैं. इस बैठक में विधायकों ने सचिन पायलट सहित बागियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. इस पर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने आश्वासन दिया कि बागियों की अब हाईकमान के सामने पैरवी नहीं होगी. इस बैठक के दौरान शांति धारीवाल सचिन पायलट पर जमकर बरसे.
वहीं, सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि जीत हमारी और सत्य की ही होगी. हमारे विधायकों की एकता अटूट है. विधायकों की एकता की वजह से ही बीजेपी को बाड़ेबंदी के लिए मजबूर होना पड़ा. गहलोत ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह क्या चाहते हैं, ये किसी से छिपा नहीं है. बीजेपी के साजिश की पोल खुल चुकी है. ये बीजेपी के कई विधायक भी जानते हैं. पार्टी में गुटबाजी चरम पर है.
इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों को एक चिट्ठी लिखी थी. 3 पेज की चिट्ठी में मुख्यमंत्री ने कोरोना के हालातों पर सरकार की भूमिका के बारे में विधायकों को विस्तार से जानकारी दी. मुख्यमंत्री ने विधायकों से जनता की आवाज सुनने और लोकतंत्र को बचाने के लिए निर्णय लेने का आग्रह किया.
दूसरी ओर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को विधायकों से ऐसी ही एकजुटता विधानसभा में भी दिखाने को कहा है जैसी की अब तक उन्होंने दिखाई है. जैसलमेर के रिसॉर्ट में कांग्रेस विधायक दल और समर्थक दलों की बैठक को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा, हम सब लोकतंत्र के योद्धा हैं. यह लड़ाई हम जीतने जा रहे हैं और साढे़ तीन साल के बाद चुनाव में भी जीतेंगे. विधायक दल की बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे ने कहा कि कांग्रेस का आजादी के पहले और बाद में संघर्ष का इतिहास रहा है.
उन्होंने कांग्रेस को समर्थन देने के लिए अन्य पार्टियों के विधायकों को धन्यवाद दिया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन, रणदीप सुरजेवाला और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी बैठक में मौजूद थे बता दें कि कांग्रेस के कुछ बागी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कुछ नेताओं पर सरकार को अस्थिर करने की कोशिश का आरोप है.
गहलोत ने चिट्ठी में लिखा, चुनी हुई सरकार को अस्थिर करना किसी भी दृष्टिकोण से न्यायोचित नहीं है. इधर, राजस्थान विधानसभा में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर जीतकर पहुंचने के बाद अब कांग्रेस में विलय कर चुके छह विधायकों को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा.
जस्टिस अरुण मिश्रा , जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस कृष्णा मुरारी की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी. विधायकों ने उनके कांग्रेस में जाने के खिलाफ दायर याचिका को राजस्थान हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की है. भाजपा विधायक मदन दिलावर ने राजस्थान हाईकोर्ट में इन छह विधायकों के बसपा से कांग्रेस में विलय के खिलाफ याचिका दायर करते हुए इसे असंवैधानिक बताया है. इस मामले को अब इन छह विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर करने की मांग की है
मीडिया से बात करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि एसओजी अपना काम कर रही है. सरकार का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं होता है. एसओजी ने राजद्रोह की धारा लगाई थी, या नहीं लगाई थी, इस बारे में मैं ज्यादा नहीं कह सकता. हां लेकिन यह साफ है कि सरकार को गिराने का प्रयास बीजेपी की ओर से किया गया है. मीडिया को घेरते हुए गहलोत ने कहा कि सोशल मीडिया और मीडिया पर ऐसी -ऐसी बात छप जाती है जिसके बारे में सोचा भी नहीं जा सकता है.
कुछ समय पहले यह तक छप गया कि फोन टैपिंग हुई है. लेकिन आप सोचिये कि मैं खुद ऐसी बातों का विरोध करता हूं, फोन टैपिंग का विरोध करता हूं, तो कैसे फोन टैपिंग हम करवा सकते हैं. इससे पहले सीएम अशोक गहलोत ने सत्र से पहले सभी विधायकों के नाम एक पत्र लिखा है , जिसमें उन्होंने सच्चाई का साथ देने की अपील की है. सीएम ने अपने पत्र में लिखा है कि चुनाव में हार-जीत होती रहती है और जनता का फैसला को सभी को मानना चाहिए.
भाजपा विधायक दल की 11 अगस्त को जयपुर में बैठक
उधर, भाजपा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के घर पर हुई बैठक में फैसला होता है कि गुजरात भेजे गए 18 विधायकों को वापस बुलाएंगे. 11 अगस्त की शाम 4 बजे जयपुर के होटल क्राउन प्लाजा में विधायक दल की बैठक होगी. अगर 11 अगस्त को हाईकोर्ट में बसपा विधायकों के कांग्रेस में मर्जर पर कांग्रेस के खिलाफ फैसला होगा तो भाजपा विधायक फ्लोर टेस्ट तक होटल में ही रुकेंगे.
भाजपा ने कहा- स्ट्रैटजी के तहत विधायक भेजे थे, बाड़ेबंदी नहीं बल्कि समझदारी
कटारिया ने कहा कि 14 अगस्त फैसले का दिन है. उस दिन तय होगा कि सरकार रहेगी या नहीं. उस दिन क्या करना है? इसके लिए सभी विधायकों के साथ बैठक कर चर्चा कर लेंगे. सभी विधायक एकजुट हैं. हमने स्ट्रैटजी के तहत ही अपने कुछ विधायकों को गुजरात भेजा था. इसे बाड़ेबंदी की बजाय हमारी समझदारी कहना चाहिए. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लेकर कटारिया ने कहा कि उन्हें भी विधायक दल की बैठक के लिए बुलाया गया है.
राजस्थान में कांग्रेस के बाद अब बीजेपी अपना कुनबा बचाने में जुटी है. बीजेपी ने अपने 18 विधायकों को गुजरात तो भेज दिया है, मगर 6 विधायकों के राजस्थान से बाहर नहीं जाने को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं. सूत्रों के अनुसार शनिवार को दिन भर हेलिकॉप्टर खड़ा रहा मगर बीजेपी के झालावाड़ और धौलपुर के विधायकों ने मध्यप्रदेश और गुजरात जाने से मना कर दिया.
धौलपुर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का क्षेत्र है और झालावाड़ वसुंधरा राजे का चुनावी क्षेत्र है. कहा जा रहा है इन विधायकों ने राज्य के मौजूदा नेतृत्व से साफ कर दिया कि वे वसुंधरा राजे के आदेश के बिना कहीं नहीं जाएंगे. इस बीच कहा जा रहा है कि बीजेपी में संगठन का काम देखने वाले बी एल संतोष, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राजनाथ सिंह से मिलने के बाद वसुंधरा राजे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलने का वक्त मांगा है.
बीजेपी के इस पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस अब चुटकी ले रही है. विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि मैं चुनौती देता हूं कि बीजेपी अपने 72 विधायकों को 14 अगस्त को विधानसभा में लाकर दिखा दे. परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि बीजेपी में कई खेमे बने हुए हैं और कांग्रेस को सेंधमारी करने की जरूरत नहीं है.14 अगस्त को विधानसभा में सब दिख जाएगा.
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