कानपुर में उस समय प्रशासन सकते में आ गया जब पता चला कि वहां सरकारी बाल संरक्षण गृह में करीब 57 लड़कियों में कोरोना संक्रमण है.इतना ही नहीं उनमें से दो गर्भवती हैं और एक को एड्स है.
कानपुर के राजकीय बाल संरक्षण गृह में कोरोना संक्रमण की जांच के दौरान पता चला कि यहां रहने वाली दो लड़कियां गर्भवती हैं. इन दो में से एक को एचआईवी है दूसरी हेपेटाइटिस सी से ग्रस्त है. इस जानकारी के बाद स्थानीय प्रशासन में हड़कंप मच गया है. कुछ दिन पहले राजकीय बाल संरक्षण गृह रहने वालों में कोरोना के लक्षण पाए जाने के बाद यह जांच की जा रही थी. राजकीय बाल संरक्षण गृह में 57 संवासिनियों में संक्रमण की पुष्टी हुई थी. संक्रमित बालिकाओं को जब कोविड-19 के इलाज के लिए रामा मेडिकल कॉलेज भेजा गया तो वहां जांच में पाया कि दो 17 साल की किशोरियां गर्भवती हैं. गर्भवती होने के साथ ही एक एचआईवी से और दूसरी हेपेटाइटिस सी के संक्रमण से भी ग्रसित है.
दोनों गर्भवती किशोरियों को जज्चा-बच्चा हॉस्पिटल भेजा गया है. कोरोना के साथ एचआईवी और हेपेटाइटिस सी के संक्रमण होने के कारण स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं और भी बढ गई हैंं. इस पूरे मामले में कानपुर के SSP दिनेश कुमार पी. का कहना है कि, दोनों लड़कियां शेल्टर होम आने से पहले ही प्रेग्नेंट थीं. आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज है. एक लड़की कन्नौज तो दूसरी आगरा से आई थी. बेवजह मामले को गलत मोड़ दिया जा रहा है. स्वरूप नगर स्थित राजकीय बालिका गृह को पूरी तरह से सील कर दिया गया है. बालिका गृह के स्टॉफ को क्वारंटीन कराया गया है.डॉक्टरों के पास दोनों किशारियों की किसी भी प्रकार की बैक हिस्ट्री नहीं है.
डॉक्टरों ने दोनों गर्भवती किशोरियों की बैक हिस्ट्री को समझने के लिए अधिकारियों से संपर्क किया. इस अधिकारियों का कहना है कि दोनों किशोरियां कब बालिका गृह आईं, कब गर्भवती हुईं इसकी जानकारी नहीं है. जिला प्रोबेशन अधिकारी अजीत कुमार के मुताबिक राजकीय बालिका गृह को सील कर दिया गया है. सभी दस्तावेज बालिका गृह में हैं. दस्तावेज देखने के बाद ही पता चल सकेगा कि दोनों किशोरियां बालिका गृह कब आईं थीं. इसके साथ उनके गर्भवती होने के संबंध में तभी डिटेल मिल सकेगी. राजकीय बालिका गृह में दो 17 साल की बच्चियों के गर्भवती पाए महिला आयोग की सदस्य पूनम कपूर का कहना है कि इस पूरे मामले को सीएम ने संज्ञान में लिया है.
सीएम ने कानपुर डीएम से बात की है. महिला आयोग की सदस्य ने कहा कि राजकीय बालगृह में 55 बालिकाएं संक्रमित मिली है. बालिका गृह में काफी लड़कियां पॉक्सो एक्ट में आती हैं, कम उम्र की होती हैं और उन्हें वहां रखा जाता है. जब बच्चियों को हैलट अस्पताल भेजा गया था तो हमारा स्टॉफ भी साथ में गया था तो किसी के टच में आ कर संक्रमण फैला होगा. राजकीय बालगृह में किसी भी पुरुष का जाना वर्जित है, वहां पर मेरा स्वयं का भी दौरा होता रहता है. आप लोग इसे अन्यथा नहीं लें.
( यह खबर नवभारत टाइम्स से ली गयी है )
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