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16 वर्षीय किशोरी का बलात्कार कर गर्भवती करने वाले 50 वर्षीय आरोपी को 10 साल की सजा

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(Rape accused sentenced to 10 years) सीकर. 16 साल की बालिका का अपहरण कर बलात्कार के 50 वर्षीय दोषी को पोक्सो कोर्ट ने 10 साल की सजा व 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। चार साल पहले बालिका का रात को अपहरण कर उत्तरप्रदेश ले गया और 15 दिनों तक बंद कमरे में दुष्कर्म किया। बालिका चार माह की गभवती भी हो गई थी। पोक्सो कोर्ट विशिष्ट न्यायाधीश डा.सीमा अग्रवाल ने बालिका का अपहरण व दुष्कर्म का दोषी मानते हुए रामनिवास पुत्र हरदेवाराम निवासी जसरासर लक्ष्मणगढ़ को 10 साल का कठोर कारावास और 50 हजार रुपए से दंडित किया है। लोक अभियोजक यशपाल सिंह महला ने बताया कि 30 जून 2016 को पीडि़ता के पिता ने मुकदमा दर्ज कराया था कि उसकी 16 साल की पुत्री को रात के समय में रामनिवास ख्यालिया पुत्र हरदेवाराम बहला फुसलाकर ले गया। पूरा परिवार रात के समय में सो रहा था। सुबह उठे तो बालिका घर पर नहीं मिली। बालिका 10वीं कक्षा की छात्रा है। वह घर से 50 हजार रुपए, सोने का हार, सोने का टेवटा व सोने का मंगलसूत्र भी चोरी कर ले गया। काफी तलाश के बाद भी वह नहीं मिला। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने पीडि़ता को 15 दिनों के बाद उत्तरप्रदेश से दस्तयाब कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। जांच में सामने आया था कि वह उसे बोलेरो में बैठाकर सीकर लाया। यहां से बस में जयपुर ले गया। इसके बाद जयपुर से उत्तरप्रदेश लेकर चला गया था। उसे कमरे में बंद रखकर दुष्कर्म करता रहा । आरोपी की पत्नी का कुछ समय पहले ही देहांत हो गया था।
बेखौफ पीडि़ता बोली : 15 दिनों तक करता रहा दुष्कर्मपूर्व लोकअभियोजक शिवरतन शर्मा ने पीडि़ता के कोर्ट में बयान दर्ज कराएं। पीडि़ता ने कोर्ट में बेखौफ होकर आरोपी के खिलाफ बयान दर्ज कराए। पीडि़ता ने कहा कि रात को 10 बजे पूरा परिवार खाना खा कर सो गया था। आरोपी रामनिवास कमरे में आया और मुंह बंद कर उसे बोलेरो में बैठा कर सीकर ले गया। इसके बाद सीकर से बस में जयपुर लेकर गया। वहां से दिल्ली लेकर गया और फिर उत्तरप्रदेश ले गया। उसके साथ 15 दिनों तक कमरे में बंद कर दुष्कर्म करता रहा। वह गर्भवती भी हो गई। बीमार होने के बाद बच्चा गिर गया था। पुलिस ने कोर्ट में 14 गवाहों और 12 दस्तावेजों को साक्ष्य के रूप में पेश किया। पीडि़ता की मेडिकल रिपोर्ट और बयानों के आधार पर कोर्ट ने फैसला सुनाया।
ऐसे अपराधी किसी दया व सहानुभूति के पात्र नहीं
अपने से आधी उम्र से भी कम 16 साल की बालिका को बहला फुसलाकर ले जाकर उसके साथ गलत कार्य किया है। बालिका के स्वास्थ्य और मनमस्तिष्क पर जीवनभर के लिए घातक प्रभाव छोड़ा है। ऐसे अपराधी किसी सहानुभूति व दया के पात्र नहीं है,क्योंकि हल्का दंड अपराधी को उत्साहित करेगा और उसके परिणाम समाज को भुगतने होंगे। अभियुक्त का कृत्य समाज के विरूद्ध गंभीर अपराध की कोटि में आता है। ऐसे स्थिति में अभियुक्त को दंडित किया जाना आवश्यक है।(डॉ.सीमा अग्रवाल विशिष्ट न्यायाधीश ने फैसले में लिखा )

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