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कोर्ट में बोली 4 साल की रेप पीड़िता- आप उसे मारना, उसका गला दबा देना, उसे फांसी की सजा देना

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सीकर.
rape With 4 Year old Girl : चार साल की मासूम व्यथित मन से बोली कि हंस्यो को आप मारना, उसका गला दबा देना, उसे फिर सांस ही नहीं आएगी। उसे फांसी की सजा ( Sentence to Death to rape accused ) दे दो। कोर्ट ने मासूम के बयान सुनने के बाद फैसले में लिखा कि बालिका न्यायपालिका पर भरोसा कर अपनी व्यथा बताना चाहती है, मानो वह कह रही हो कि काली स्याह बिखेरकर अंधियारी कर दी जिंदगी मेरी, तू उसी स्याह से उसका इक-इक गुनाह लिख दें। तीन साल बाद विशिष्ट न्यायधीश पॉक्सो कोर्ट डा. सीमा अग्रवाल ने सबूतों और गवाहों के आधार पर चार साल की मासूम से दुष्कर्म के आरोपी हंसराज पुत्र किशनलाल निवासी गढटकनेत अजीतगढ़ को दोषी मानते हुए अंतिम सांस तक जेल ( life imprisonment to Rape Accused ) में रहने की सजा सुनाई।
कोर्ट ने एक लाख दस हजार रुपए का भी जुर्माना लगाया। लोक अभियोजक यशपाल सिंह महला ने बताया कि पॉक्सो कोर्ट ने चार साल की नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई है। पीडि़ता के वकील शंकरलाल सैनी ने बताया कि 13 दिसम्बर 2016 को जेकेलॉन अस्पताल जयपुर में चार साल की बच्ची की मां ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया गया था कि उसका पति दिल्ली में ड्राइवर है। वह दोपहर को खेत में गई थी और बच्चे स्कूल गए थे। सवा एक बजे घर वापस आई तो देखा कि बच्ची आंगन में लहूलुहान हालत में रो रही थी। पूछने पर उसने बताया कि घर के सामने रहने वाला हंसराज बलाई उसको सूने मकान में ले गया। बच्ची ने बताया कि हंसराज ने उसके साथ गलत काम किया। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद अजीतगढ़ पुलिस ने आरोपी हंसराज पुत्र किशनलाल निवासी गढटकनेत अजीतगढ़ को गिरफ्तार कर लिया।
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33 टांके, 16 दिन अस्पताल में रही हंसराज मासूम के घर के पास ही रहता था। 13 दिसम्बर दोपहर को मासूम आंगनबाड़ी से आ रही थी। हंसराज रास्ते में उसे टॉफी दिलाने के बहाने ले गया। सामुदायिक भवन में ले जाकर उसके साथ बलात्कार किया। उसके गालों व जांघ पर दांतों से काट लिया। फिर वह भाग गया। दीवार पर खून लगा हुआ था। बाद में मासूम को जयपुर जेके लोन अस्पताल में भर्ती करवाया गया। उसके 33 टांके लगाए गए। 16 दिनों तक अस्पताल में इलाज चला। इसके बाद कई महीनों तक इलाज घर पर जारी रहा।
18 गवाह और 31 सबूत पेश हुएअजीतगढ़ पुलिस ने मामले की जांच करते हुए कोर्ट में 18 गवाह और 31 सबूत पेश किए। पुलिस ने दीवार पर लगे हुए खून, मिट्टी भी बरामद की। पुलिस ने चिकित्सकों की रिपोर्ट के साथ एफएसएल व डीएनए रिपोर्ट भी पेश की। चिकित्सकों ने भी कोर्ट में बयान दिए कि घाव काफी गहरा था। ब्लीडिंग हो रही थी। छह घंटे के अंतराल के दौरान ही घाव हुआ था। बयानों में कहा कि किसी लकड़ी के कारण ऐसी चोट आना संभव नहीं है। कोर्ट ने सभी गवाहों व सबूतों को अहम माना।
पोक्सो कोर्ट का दूसरा अहम फैसलापूर्व लोक अभियोजक शिवरतन शर्मा ने बताया कि अक्टूबर 2018 में पोक्सो कोर्ट बनने के बाद दूसरा अहम फैसला है। इससे पहले खाटूश्यामजी में चार साल की मासूम से बलात्कार के आरोपी करण उर्फ कालिया को अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई गई थी। उस मामले में उन्होंने पैरवी की थी।
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निडर होकर बोली, हंस्या ने गलत काम किया
वकील: आंगनबाड़ी से पढकऱ आ रही थी ?मासूम: हांवकील: साथ में कितने बच्चे आ रहे थे?मासूम: कोई नहीं, अकेले ही भागती आ रही थी। वकील: आते समय कौन मिला, किसने किया?मासूम: हंस्या मिला। खून निकाल दिया। रोने लगी तो दीवार के ऊपर से फैंक दिया। वकील: रास्ते में कांटे और भरूंट से चोट लगी?मासूम: नहीं, रास्ते में भरूंट से नहीं लगे। वकील: गाल व जांघ पर घाव कैसे लगे?मासूम: हंस्या ने बटका भरा। डॉक्टर ने भी देखे थे। (जांच में महत्वपूर्ण बयान जिससे आरोपी को सजा मिली)
बेटी जन गण मन का गान, देश का सम्मानअबोध बालिका की जिंदगी से दुष्कर्मी ने खिलवाड़ किया है। हमें भूलना नही चाहिए कि बेटी जन गण मन का गान है। बेटी देश का सम्मान है और अगर वह लूटी जाती है तो सबका सम्मान लुटता है। बच्चियों के प्रति अपराधिक प्रवृति रखने वालों के बढ़ते दुस्साहस व नकारात्मक सोच के लिए सजा की सख्ती का संदेश जरूरी है। डा. सीमा अग्रवाल, विशिष्ट न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट सीकर (जैसा कि फैसले में लिखा)
डर से कोर्ट में मुंह लटका कर चुप बैठा रहा हंसराज हंसराज को कोटपूतली जेल से दोपहर को सीकर लाया गया। कोर्ट में पेश करने के बाद उसे बाहर बैठा दिया गया। पुलिसकर्मियों व वकीलों की बातें सुनने के बाद हंसराज को सजा का अहसास हो गया। वह चुपचाप मुंह लटका कर डऱ से कुर्सी पर ही बैठा रहा। दोपहर बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया। वह बार-बार चारों तरफ देखता ही रहा। जज ने जैसे ही सजा का फैसला सुनाया तो वह मुंह लटका कर चुपचाप कोर्ट में खड़ा रहा।

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