सीकर. राजस्थान के सीकर जिले के सांवली कोविड सेंटर में सांसों से जूझते मरीजों की सांसें बुधवार को सांसत में आ गई। हल्की सी आंधी में ही सांवली कोविड अस्पताल की बिजली लाइन अचानक फाल्ट हो गई। परिसर में लगे जनरेटर से अस्पताल जा रही लाइन भी टूट गई। जिससे पूरे अस्पताल की लाइन ही बंद हो गई। बिजली गुल होते ही मरीजों के साथ चिकित्सक भी घबरा गए और अफरा तफरी का माहौल हो गया। 250 मरीजों की जिंदगी दाव पर लग गई। गनीमत से नए वेंटिलेटर की वजह से उनके बेकअप व आईसीयू को जनरेटर से मिली बिजली की वजह से उनकी जान बच गई। घटना के बाद अस्पताल प्रशासन ने तुरंत जिला कलक्टर को मामले की जानकारी दी। कलक्टर की सूचना पर बिजली निगम की टीम भी दस मिनट में मौके पर पहुंच गई। कोरोना महामारी को देखते हुए बिजली निगम की टीम ने अस्पताल परिसर के भीतर की फिटिंग के इंतजामों को दुरुस्त किया। बिजली निगम के एसई नरेन्द्र गढ़वाल की निगरानी में देर रात तक कई उपकरण भी बदले गए।
पुरानी लाइन, सालों से नहीं बदली
कोविड अस्पताल की बिजली लाइन वर्षो पुरानी है। कई वर्ष से कई वार्डो के बिजली तार व अन्य उपकरण भी नहीं बदले गए। ऐसे में बुधवार आई हल्की आंधी ने अस्पताल परिसर के भीतर फाल्ट कर दिया। संस्थान परिसर में पौधों के बीच से परिसर की लाइन गुजरने की वजह से बुधवार सुबह हादसा हुआ।
कोविड अस्पताल को चाहिए दोगुना लोडकोविड अस्पताल के पास फिलहाल 40 किलोवाट का कनेक्शन है। यहां वेंटिलेटर सहित अन्य बिजली उपकरण लगातार चल रहे हैं। ऐसे में यहां का कनेक्शन अब लगभग 80 किलोवाट का चाहिए। इस संबंध में विद्युत निगम के अधिकारियों ने जिला कलक्टर को पूरी रिपोर्ट दी है। सूत्रों की मानें तो आगामी कुछ दिनों में मेडिकल कॉलेज प्रशासन या सांवली ट्रस्ट की ओर से विद्युत निगम में लोड बढ़वाने के लिए आवेदन किया जाएगा।
45 मिनट तक अफरा-तफरीसांवली कोविड अस्पताल में बुधवार सुबह 250 मरीज भर्ती थे। इनमें से डेढ सो ज्यादा मरीजों की स्थिति गंभीर थी। सुबह करीब दस बजे अचानक हवा चलने से सांवली कोविड अस्पताल में जा रही बरसों पुरानी लाइन के तार भिड़ गए। इसके अलावा परिसर में लगे जनरेटर से अस्पताल जा रही लाइन भी टूट गई। जिससे पूरे अस्पताल की लाइन ही बंद हो गई।
निगम ने निभाया धर्म, कलक्टर ने सराहादरअसल, बिजली निगम की सप्लाई का वैधानिक जिम्मा बिजली मीटर तक होता है। इसके बाद घर या अन्य परिसर के भीतर सप्लाई में दिक्कत होने पर उपभोक्ता की चूक मानी जाती है। यहां भी बिजली निगम ने इस तरह कर रवैया नहीं अपनाया। निगम की टीमों ने कोरोना मरीजों की परेशानी को समझते हुए मरम्मत कार्य खुद अपने स्तर पर किया। अस्पताल प्रबंधन की ओर से देर शाम कई उपकरण मंगवाई गए। इन उपकरणों को अधीक्षण अभियंता नरेन्द्र गढ़वाल की मौजूदगी में इन्सट्रॉल कराया गया। इस मामले में कलक्टर ने भी बिजली निगम के कर्मचारियों की सराहना की।
इनका कहना है:कोविड अस्पताल में लाइन फाल्ट होने से करीब 45 मिनट तक लाइन बाधित रही। ऐसे में बहुत बड़ा हादसा होने का खतरा हो गया था। अस्पताल में भर्ती मरीजों को ऑक्सीजन की सप्लाई देने के लिए सिलेंडर की व्यवस्था की गई। लाइन फाल्ट होने की सूचना तत्काल जिला प्रशासन को दी गई। जहां से आई टीम ने वैकल्पिक व्यवस्था कर लाइन शुरू करवाया। गनीमत रही कि किसी प्रकार का हादसा नहीं हुआ।
डा देवेन्द्र दाधीच, नोडल अधिकारी कोविड अस्पताल सांवली
विद्युत निगम की फाल्ट में कोई चूक नहीं थी। परिसर के भीतर बिजली मरम्मत का कार्य खुद उपभोक्ता का होता है। इसके बाद भी निगम की टीम ने कोरोना मरीजों की परेशानी को देखते हुए सप्लाई बंद कराकर सिस्टम को ठीक कराया है। देर रात तक टीम अपने स्तर पर कोविड अस्पताल की बिजली संबंधी शिकायतों को दूर करने में जुटी थी। मामले की पूरी रिपोर्ट जिला कलक्टर को दे दी है।नरेन्द्र गढ़वाल, अधीक्षण अभियंता, विद्युत निगम, सीकर
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