आजकलराजस्थान सीकर/पाटन। :
हिस्ट्रीशीटर राजू रैला की हत्या के पीछे गैंगवार की रजिंश का नतीजा थी। जिसका पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने साजिश रचने वाले तीन आरोपियों को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया है। जिनको गुरुवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
नीमकाथाना के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिनेश अग्रवाल ने बताया कि हिस्ट्रीशीटर राजू रैला का शव 15 जून को सुबह उसी की जीप में हसामपुर के पास मिला था। इसके बाद राजू के भाई ने इस मामले में हत्या की नामजद रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।
पुलिस की जांच में मामला आपसी रजिंश का निकला और हत्या के आरोप में रैयां का बास निवासी बजरंग उर्फ भज्या गुर्जर, रमेश गुर्जर व छावनी नीमकाथाना निवासी रवि स्वामी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
रंगदारी से बनी रंजिश
पुलिस के अनुसार हिस्ट्रीशीटर राजू रैला तथा हत्या के मामले में नामजद आरोपी राकेश बोपिया के चाचा हिस्ट्रीशीटर रोहिताश बोपिया की आपस में रंजिश थी। रोहिताश की मौत के बाद राजू रैला तथा राकेश बोपिया आपस में रंजिश रखने लग गए। इलाके में आयरन और अवैध खनन तथा रंगदारी वसूली को लेकर दोनों में रंजिश बढ़ती चली गई। वहीं रैयां का बास निवासी भीमाराम उर्फ वीरेंद्र से भी आयरन और अवैध खनन के कारण राजू की दुश्मनी हो गई। राजू रेला ने जमानत पर जेल से बाहर आते ही 28 मई को रैयां का बास निवासी भीमाराम के घर जाकर उसके भाई बजरंग के साथ मारपीट की।उसके बाद 2 जून को राजू अपने साथियों के साथ राकेश बोपिया के घर गया तथा राकेश के साथ मारपीट की। इस मामले में राकेश ने राजू के खिलाफ घर से अपहरण कर ले जाने तथा रुपए लूट ले जाने का मुकदमा दर्ज करवाया था।
बाद में राकेश बोपिया तथा वीरेंद्र उर्फ भीवांराम गुट ने 14 जून को बोपिया के पास स्थित धर्म कांटे पर बैठकर राजू से बदला लेने की योजना बनाई।
पहाड़ी पर ले जाकर की मारपीट
राजू रैला अपनी प्रेमिका तथा अपने नाबालिग दोस्त तथा उसकी प्रेमिका के साथ रात को टोडा की तरफ जा रहा था। आगरी मोड़ के पास राकेश तथा उसके साथियों ने दोनों गाडिय़ां राजू की गाड़ी के आगे लगा दी। भागने के दौरान राजू दीवार फांदते समय दीवार से नीचे गिर गया तो उसके पैर में चोट आई। राजू के नीचे गिरते ही राकेश तथा उसके साथियों ने राजू को पकड़ कर अपनी गाड़ी में डाल लिया तथा उसकी जीप को भी साथ लेकर टोडा की पहाडिय़ों में चले गए। पहाडिय़ों में इन्होंने राजू के साथ जमकर मारपीट की। ये राजू के साथ मारपीट कर उसे सबक सिखाना चाहते थे। पर गहरी आंतरिक चोट लगने से राजू रेला की मौत हो गई।
राजू की मौत के बाद सुबह लगभग 4 बजे इन्होंने राजू के शव को उसी की जीप में डालकर हसामपुर मोड़ पर खड़ा कर दिया। इनकी मंशा यह थी कि मोड़ पर जीप खड़ी करने से उधर से जाने वाले ट्रेलर या डंपर की टक्कर हो जाएगी। जिससे हत्या को दुर्घटना का रंग दिया जा सकेगा।